बेकार समझ कर फेंक मत देना ये बड़ी काम की घास है
दूधी घास एक प्रकार की घास होती है। इसे दूधी घास इसलिए कहा जाता है क्योकि जब इसको तोडा जाता है तो इसमें से दूध जैसा एक पदार्थ निकलता है। आयुर्वेद में इसके पत्ते , जड़ , डंठल , फूल ,और इसका दूध बहुत उपयोगी बताया गया है। इस घास में अनेकों गुण होते है। आइये आप भी जाने इसके गुण।
पथरी की समस्या में ये बड़ी लाभकारी है यदि इसके पत्तों को उबालकर काढ़ा बनाकर दो चमच्च सुबह शाम ले ले तो पथरी में लाभकारी होता है इससे पथरी अपनेआप निकल जाती है।
यदि आप को बाल झड़ने की शिकायत है तो दूधी घास के रस में कनेर के पत्तों का रस मिला कर सर में लगाए फिर दो घंटे बाद सर धो दे पर इसको लगते समय अपनी आँखे बचा कर रखे।
खांसी की समस्या में दो कप पानी में दूधी घास का चूर्ण को तब तक उबले जब तक पानी आधा न रह जाए फिर इसको छान कर ठंडा कर ले आधा आधा चमच्च सुबह शाम लेने से खांसी की समस्या में आराम मिलेगा।
यदि काटा चुभ जाए तो दूधी घास को पीसकर लेप कर ले दर्द में आराम मिलेगा साथ ही कांटा आसानी से निकल जायेगा।
पानी या दूध से दूधी घास के चूरन को दो से चार ग्राम नियमित लेने से शुगर की समस्या में आराम मिलता है।
यदि अस्थमा के मरीज दूधी घास के काढ़े को सुबह और शाम गुनगुना कर के ले तो अस्थमा में बहुत फायदा पहुँचता है।
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