लो बीपी की समस्या का निदान नामुमकिन नहीं ये उपाय है कारगर
बीपी चाहे हाई हो या लो ये समस्या आधुनिक युग में बढ़ती जा रही है। यदि बीपी रीडिंग में 90 mm hg और 60 mmhg से कम है तो ये समस्या की बात है। आमतौर पर लोग लो बीपी को हलके में ले लेते है जो की खतरनाक है। लो बीपी के कई कारण होते है जैसे खून की कमी , विटामिन्स बी -12 और मिनरल्स की कमी , मधुमेह , लिवर सबंधित कोई परेशानी है तो , शरीर में पानी की कमी होना , किसी दवा का साइड इफ़ेक्ट होना , तनाव , या बहुत देर तक भूखा रहना आदि। हाई बीपी को दवाओं द्वारा कण्ट्रोल किया जा सकता है पर लो बीपी के कैसे कण्ट्रोल करे आईये जाने।यदि लो बीपी हो रहा है तो पानी में नमक मिला कर पिए क्योकि नमक में सोडियम होता है जो बीपी को बढ़ाने में मदद करता है। आप आधा चमच नमक एक गिलास पानी में ले सकते है। यदि पानी की कमी के कारण बीपी लो हुआ है तो आप को पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए पानी का मतलब ये नहीं की पानी पिया जाये पानी जैसे अन्य चीज जैसे फलों का रस , निम्बू पानी या नारियल पानी आदि तरल पदार्थ पानी की कमी को पूरा तो करने है तथा साथ में बीपी का स्तर का भी सामान्य करते है।
यदि बीपी लो रहता है तो आप अपने खाने के समय के अंतराल की अवधि को कम कर दे और साथ ही पौष्टिक खाना खाये इससे शरीर में ऊर्जा की मात्रा बनी रहती है और ब्लड शुगर का स्तर भी नियंत्रण में रहेगा.
यदि आपको चक्कर आते है , आँखों के आगे अँधेरा छा जाता है , या बार बार प्यास लगती है , बेचैनी या अवसाद रहता हो तो अपने डॉक्टर से जरूर मिले।
पैरो को क्रॉस करके बैठने से भी बीपी का स्तर सही होता है क्योकि पैर को एक के ऊपर एक रख कर बैठने से बीपी का स्तर तेजी से बढ़ता है। यदि इसके साथ अपनी हाथ की मुठ्ठी को बांधना और खोला जाए बीपी सामान्य रहता है।
निम्न रक्तचाप में अपने खाने पीने पर ध्यान दे खाने में हरे पत्तेदार सब्जियाँ , सूखे मेंवे , मौसमी फल, गहरे रंग के फल जैसे आलू बुखारा, काले ख़जूर फाइबर, लो फैट मीट, साबुत अनाज ,ऐसा खाद्य पदार्थ जिसमे प्रोटीन, विटामिन्स और फाइबर की मात्रा अधिक हो।
यदि लो बीपी हो रहा है तो स्ट्रांग कॉफ़ी और चॉकलेट का सेवन करने से बीपी में सुधर आता है।
No comments:
Post a Comment