प्रोस्टेट कैंसर बीमारी को नजरअंदाज न करे जागरूक बने।
आज दुनिया ने चाहे कितनी भी तरक्की कर ली हो पर हम जनन और हार्मोन से जुडी बीमारियों के प्रति जागरूक कम है जिसके कारण हम इन बीमारियों के लछणो को पहचान नहीं पाते है जिसके कारण हमें गंभीर परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इसका एक कारण महिला हो या पुरुष या तो अपने जनन और हार्मोन की बात किसी के सामने करने में कतराते है या खुलकर इन विषयो पर चर्चा नहीं करते। आज हम इस विषय पर चर्चा करेंगे की कैसे पुरष प्रोस्टेट कैंसर में आ कर बीमार हो रहे है।
प्रोस्टेट कैंसर पुरषों में होने वाली एक बीमारी है। प्रोस्टेड अखरोट के आकर की एक छोटी से ग्रंथि होती है जिसका कार्य पुरषों में प्रजनन करने के लिए स्पर्म और हार्मोन का निर्माण करना होता है। ज्यादातर ये बीमारी पुरषों में 60 वर्ष की आयु के बाद ही होती है परन्तु युवा पुरषों को भी इस बीमारी के प्रति जागरूक रहना चाहिए। यदि किसी भी पुरुष को इस बीमारी के जरा भी लक्षण नजर आते है तो तुरंत ही वह डॉक्टर की सलाह ले।
क्या है इस बीमारी के लक्षण ? प्रोस्टेट कैंसर में मरीजों को मूत्रत्याग करने में कठिनाई होती है तथा मूत्रत्याग का कम और रुक रुक कर होता है।
बार बार मूत्र त्याग जाने के बाद भी मूत्र त्याग की इच्छा होना। मूत्रत्याग करने के बाद भी लगता है की अभी और पेशाब आएगा।
बार बार मूत्रत्याग करना खासतौर पर रात में ज्यादा मूत्र त्याग के लिए जाना अचानक मूत्र त्याग की इच्छा होना और कण्ट्रोल न होने के कारण कपड़ो में ही निकल जाना।
इस बीमारी से कैसे बचे ? इस बीमारी से बचने के लिए खानपान और समय समय पर डॉक्टर द्वारा जाँच करवानी चाहिए।
हर साल अपने रूटीन चेकउप में शुगर , ब्लड प्रेशर , किडनी ,लिवर के साथ प्रोस्टेट की जाँच को भी शामिल करे।
भोजन में खूब सारी हरी सब्जियाँ और फल शामिल करने चाहिए ताकि हमारे शरीर को अच्छी मात्रा में पोषण मिल सके और शरीर बीमारियों से लड़ने के काबिल हो सके।
अपने शरीर में किसी भी तरह के परिवर्तन को नजरअंदाज न करे यदि कोई भी परिवर्तन हो तुरंत डॉक्टर की सलहा ले।
यदि आप को मूत्रत्याग में कोई परेशानी होती है तो इसे हलके से न ले।
मानसिक तनाव को अपने ऊपर हावी न होने दे।
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