हँसना जरुरी है स्वस्थ जिंदगी के लिए
आजकल की जिंदगी में आदमी मशीन सा बन कर काम कर रहा है। अपनी निजी जिंदगी में हंसना खेलना तो आप एक सपना सा हो गया है। अगर आप अपने आसपास लोगो से पूछो की उन्हें खुलकर हँसे कितना समय हो गया है या आखरी बार आप कब खुलकर हँसे थे तो शायद ही कोई इसका सही उत्तर देगा। क्या आप को पता है की हंसना हमारी सेहत के लिए भी जरुरी है। ये उतना ही जरुरी है जितना हमारे शरीर को पौष्टिक आहार होता है। यदि हमारा मन खुश रहेगा तो हम जो भी आहार ले वो हमारे शरीर को लाभ देगा। हंसने से हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। एक रिपोर्ट के अनुसार यदि हम रोज एक घंटा खिलखिला कर जोर से हँसे तो 400 कैलोरी ऊर्जा की खर्च हो जाती है. यानि बगैर जिम जाये या थकाने वाले व्यायाम से हँसने का व्यायाम ज्यादा मजेदार और आसान है। आओ जाने हँसने के अन्य फ़ायदे।
हँसने से हमारे शरीर में मेलाटोनिन नाम का हार्मोन बनता है जो अच्छी नींद के लिए जरुरी है। यदि हमें अच्छी नींद आती है तो शरीर पूरी तरह से रिलेक्स हो जाता है और अगले दिन काम करने की ऊर्जा मिलती है और अवसाद से मुक्ति।
हंसने से शरीर में छह गुना ऑक्सीजन जाती है यानि शरीर को ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त हो रही है।
हँसने से हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है जिससे अनेको बीमारियों से हमारा शरीर दूर रहता है।
हॅंसने से हमारे शरीर का दिल में खून का दौरा बढ़ाता है जिससे दिल खून को अच्छे से पंप करता है इससे शरीर में ब्लॉकेज होने का खतरा कम हो जाता है।
खिलखिला कर हँसने से चेहरे की चमक बढ़ती है। आपने की नोटिस किया होगा जो व्यक्ति खिलखिला कर हँसता है उसका चेहेरा चमकदार होता है।
जोर से हंसने से दिमाग़ की अच्छी कसरत है।
कभी कभी हम बहुत दुखी होते है परन्तु कोई हँसी की बात याद आ जाए या कोई अचानक हँसा दे हमारा अवसाद कम हो जाता है यानि हँसने से अवसाद कम होता है।
किसी इंटरव्यू आदि में जाये वहाँ हँसता हुआ चेहरा होगा तो सामने वाले को आप आत्मविश्वास से भरपूर लगोगे मतलब हंसने से आत्मविश्वास बढ़ता है।
आपके शरीर में चाहे कोई भी कमी हो यानि कद छोटा हो या रंग कुछ दबा सा हो तो क्या यदि आपने मुस्कराहट का गहना पहन रखा है तो आप सबसे खूबसूरत है। आप ये आज़मा कर देख ले यदि चेहरे पर मुस्कराहट नहीं है तो वह सुन्दर नहीं।
लोगों में हंसने- हंसाने वाले व्यक्ति के मित्र सबसे ज्यादा होते है क्योकि इन लोगोँ को भीड़ में भी चमकना आता है।
कक्षा में यदि अध्यापक हंसी - ख़ुशी के मौहोल में अपने पाठ को समझाता है तो विद्यार्थी विषय को अच्छी तरह से समझ लेते है।
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