यूरिक एसिड बढ़ने क्या होती परेशानियाँ ? ये बीमारियों के होने की शुरुवात तो नहीं।
आमतौर पर लोगों से यही सुनने में आता है की उनका यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है। शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से कई समस्या पैदा होती है खास कर किडनी ,लिवर और दिल के लिए यूरिक एसिड बढ़ना बहुत ख़तरनाक होता है। यदि हम चाहते है की किडनी , दिल , और लिवर अपना काम सही तरह से करे और उनके सेहत अच्छी रहे तो हमें अपने शरीर की यूरिक एसिड की मात्रा सही रखना होगा। इसके लिए हमें समय समय पर यूरिक एसिड की जाँच करवानी चाहिए। यदि हमारा खान पान सही रहे तो शरीर में यूरिक एसिड सही रहता है।यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर पर क्या प्रभाव पढता है ? ----- यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है। शरीर की मांसपेशियों में सूजन आना शुरू हो जाती है तथा उनमे दर्द होता है। यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर की किसी भी हिस्से में दर्द हो सकता है। यूरिक एसिड बढ़ने से ह्रदय की धमनियां में अकड़न आ सकती है। ज्यादातर मामलो में यूरिक एसिड का बढ़ना शरीर के मेटाबॉलिजम के कमजोर होने के कारण होता है।
यूरिक एसिड समस्या के तीन कारण -----
रक्त में यूरिक एसिड अधिक बनना। -- जब ऐसा खाना खाया जाये जिसमे प्यूरिन अधिक हो।
यूरिक एसिड का शरीर से बाहर कम निकलना -- जब यूरिक एसिड शरीर से कम मात्रा में बाहर निकलता है ऐसा इसलिए होता है क्योकि किडनी रोग , कुछ दवाइयों जिनके कारण यूरिक एसिड की बजाय दूसरे पदार्थ शरीर से बाहर निकलते है।
मिले जुले कारण --- अधिक मात्रा में शराब पीना ,खाने में अधिक चीनी लेना ,पोषण की कमी।
यूरिक एसिड शरीर में कैसे बढ़ जाता है ?--- यूरिक एसिड शरीर में पाचन क्रिया के दौरान बनता है। .हमारी किडनी रक्त में ही यूरिक एसिड को साफ कर देती है जो पेशाब और मल के माध्यम से हमारे शरीर से निकल जाता है। यूरिक एसिड जब ज्यादा बढ़ जाता है तो ये पेशाब और मल के माध्यम से बाहर नहीं निकल पाता है क्योकि इसे हमारी किडनी फ़िल्टर नहीं कर पाती है। इसी कारण यूरिक एसिड का स्तर शरीर में बढ़ जाता है। यूरिक एसिड एक प्रकार का रसायन है जो प्यूरीन नाम के रसायन है ये रसायन हमारे शरीर में बनता है और ये खाद्य पदार्थों में होता है। खून में जब यूरिक एसिड बढ़ जाता है तो इसे हाइपरयूरिसेमिया है। इस कारण गाउट ,गठिया ,ह्रदय रोग ,किडनी रोग और डायबिटीज हो सकती है।
कितना स्तर होना चाहिए यूरिक एसिड का ? -- यूरिक एसिड का स्तर महिलाओं में 2. 5 से 6 एमजी /डी एल और पुरषों में 3. 4 एमजी /डी एल से 7एमजी /डी एल होना चाहिए। यदि किडनी टॉक्सिन को सही तरह से फ़िल्टर नहीं कर पाती तो शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है।
यूरिक एसिड के बढ़ने के कारण ----- यूरिक एसिड के बढ़ने के कई कारण हो सकते है जैसे आनुवंशिकता ,डायबिटीज ,आइरन का बढ़ना , हाई ब्लूडप्रेशर ,थाइरॉएड कम या ज्यादा होना , किडनी का ख़राब होना ,मोटापा , गलत खान -पान , अधिक मात्रा में शराब पीना ,ज्यादा मात्रा में माँसाहार भोजन करना।
यूरिक एसिड बढ़ने से होने वाली समस्यायें --- यूरिक एसिड बढ़ने के कारण सिर्फ जोड़ो में दर्द नहीं होता है इसके अलावा शरीर में पथरी का खतरा बढ़ जाता है। जोड़ो में यूरिक एसिड जमा होने पर गाउट गठिया की समस्या हो जाती है। यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर में एंडोथिलायल नाइट्रिक ऑक्साइड की कमी होने लगती है इससे ब्लूडप्रैशर के समस्या हो जाती है। यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या तभी सामने आती है जब किसी मरीज को जोड़ों के आसपास सूजन मांसपेशियों में दर्द ,ह्रदय और किडनी की समस्या की जाँच यूरिक एसिड का बढ़ना पाया जाता है।
यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या करे --- ज्यादा पानी पिए। जितना अधिक पानी और तरल पदार्थों का सेवन करेंगे किडनी से यूरिक एसिड उतनी ही जल्दी शरीर से बाहर निकलेगा। रोजाना कम से कम 3 से 4 लीटर पानी जरूर पिए।
शरीर का वज़न न बढ़ने दे। बढ़ता वजन भी यूरिक एसिड को बढ़ता है। ज्यादा वज़न होने से हमारी किडनी सही ढंग से यूरिक एसिड को फ़िल्टर नहीं कर पाती है। जिसके कारण ये शरीर पर जमने लगता है।
एलकोहल लेने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और यूरिक एसिड बढ़ जाता है। हमारी किडनी वेस्ट पदार्थों की जगह एलकोहल को फ़िल्टर करने लग जाती है।
मांस और सी फ़ूड में प्यूरिन बहुत अधिक होता है इससे शरीर में यूरिक एसिड बहुत अधिक बनता है। पोर्क , तुर्की ,फिश ,और शेलफिश , हरे मटर , मीट , ड्राई बीन्स , मशरूम , और पत्तागोभी ,का सेवन कम करे। जिन लोगो को यूरिक एसिड अधिक बनता है वो भीगे हुए चने कम खाये क्योकि भीगे हुए चनो में प्यूरिन अधिक होता है।
यदि आपके शरीर में प्रोटीन अधिक बनता है तो आपको लो प्रोटीन डाइट खानी चाहिए। शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन के लिए दाल खाना भी जरुरी है इसके लिए दाल को पतला करके खाये। मांसाहारी लोगों को कलेजी ,और गुर्दा खाने से बचना चाहिए। चीनी और शहद की कम मात्रा ले।
टेस्ट और उपचार - यूरिक एसिड के लिए सीरम यूरिक ब्लड टेस्ट होता है। यदि ब्लड में यूरिक एसिड ज्यादा है तो मूत्र को चौबीस घंटे के लिए सग्रह के लिए डॉक्टर कह सकते है फिर टेस्ट किया जाता है। फिर मूत्र टेस्ट करा जाता है प्यूरिन रहित डाइट लेने के बाद। इसके बाद डॉक्टर यूरिक एसिड का इलाज करते है। यदि गाउट होता है तो जोड़ो में बना तरल पदार्थ को लेकर उसका टेस्ट किया जाता है। यूरिक एसिड बढ़ने पर डॉक्टर दवा के साथ खानपान में सुधर के लिए कहते है।
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