सही नहीं है महिलाओं को पीरियड्स की समस्याओं में अनदेखा करना।
महिलाओं को पीरियड होना एक सामान्य प्रक्रिया है,जो किशोरावस्था लगभग 12 वर्ष से शुरू होती है और ये प्रक्रिया 40 वर्ष से 50 वर्ष तक रहती है। यदि ये प्रक्रिया जब अनियमित हो जाती है , तो ये समस्या बीमारी का रूप भी ले लेती है और कभी कभी ये बीमारी इतनी गंभीर हो जाती है की जान भी चली जाती है। पीरियड सब महिलाओं को एक जैसे नहीं होते है और ये किसी फिक्स टाइम पर नहीं होते है। ये पीरियड 21 से 35 दिनों के अंदर होता है। आमतौर पर ये 5 दिन तक चलता है। जब पीरियड अपना मासिक चक्र पूरा करने के बाद भी न हो या 15 दिन या 1 -2 महीने के अंतराल पर हो तो इसे अनियमित पीरियड कहते है।
पीरियड का अनियमियता का क्या कारण होता है ? अनियमित पीरियड में ब्लीडिंग ज्यादा होती है। देर से पीरियड होना या पीरियड जल्दी जल्दी होने के दौरान ब्लीडिंग कम या ज्यादा होने की समस्या शुरू होने लगती है। कई महिलाओं में मिस्ड पीरियड लगातार एक चक्र में दो बार होने की समस्या होने लगती है।
अनियमित पीरियड कितनी प्रकार के होते है ? ---- अनियमित पीरियड चार तरह के होते है।
ओलिगोमेनोरिया : इस में पीरियड बहुत कम होता है और पीरियड का चक्र 35 दिन या इससे भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसमें साल में सिर्फ 6 से 8 बार ही पीरियड होते है।
मेटोरइया ---- इस समस्या में पीरियड अनियमित होते है जल्दी जल्दी और लगातार होते रहते है।
मेनोमेट्रोराइया ---- इस समस्या में पीरियडस लम्बे समय तक और हैवी होते है। , अनियमित पर जल्दी जल्दी होता है।
एमेनोरिया --- इस में पीरियड 3 -6 महीने में या इस से भी अधिक अंतराल तक नहीं होते है।
पीरियड अनियमित होने का क्या कारण होता है ? ---- पीरियड अनियमित होने के कई कारण होते है जैसे गर्भाशय की समस्या , फाइब्रॉइडस , हार्मोनल समस्या, ओवेरेक्टिव थायराइड , किसी भी प्रकार का संक्रमण , पोलिसिस्टिक ,ओविरेरियन सिंड्रोम ,आदि कारण होते है। युवा लड़कियों का वजन अधिक हो या लम्बे समय से तनाव हो या पीसीओएस के कारण भी पीरियड अनियमित होते है।
महिलाओं में पीरियड अनियमित होने की समस्याओं के ये भी कारण हो सकते है
तनाव --- तनाव के कारण पीरियड अनियमित होना आम कारण है। ज्यादातर युवा लड़कियाँ पढाई ,कैरियर आदि कई बातों का तनाव रहता है। इसका मुख्य कारण थकान ,चिंता आदि है इससे महिलाओं में हार्मोन्स असंतुलित हो जाते है जिससे मिस्ड पीरियड आदि समस्या से गुजरना पड़ता है।
एक्सरसाइज ज्यादा करना ----- यदि महिलाएं अपनी शरीरिक क्षमता से अधिक एक्सरसाइज करती है तो पीरियड में अनियमितता हो सकती है। इसमें पीरियड कम होंगे और धीरे धीरे बंद हो सकते है।
मेनोपॉज ---- इस के होने से हार्मोन्स लेवल में बदलाव आता है जिसके कारण अनियमित पीरियड के द्वारा ये बताता है की अब मेनोपॉज का समय आ गया है।
खानपान --- असंतुलित खानपान शरीर का वजन कम करना या मोटापा भी हार्मोस को प्रभावित करता है।
गर्भनिर्धक दवा का सेवन ---- कभी कभी गर्भनिरोधक दवा से भी पीरियड में अनियमिता आ सकती है। प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन गर्भ नियंत्रण करने वाले हार्मोनल तरिके भी पीरियड को रोकने के लिए जिम्मेवार होते है।
अनियमित पीरियड का इलाज ----- यदि अनियमित पीरियड 6 महीने से अधिक हो रहा है तो इसका इलाज करवाना चाहिए। कुछ कुछ केस में पीरियड अपने आप ही नियमित हो जाते है यदि नियमित नहीं हो रहे है तो इसका इलाज करवाए। हालाकि युवावस्था या मेनोपॉज में किसी खास तरह के इलाज के आवश्यकता नहीं पड़ती है। लेकिन यदि पीसीओएस ,हाइपरथाइराइडिज्म ,फाइब्रॉइड्स ,गर्भाशय की समस्या या संक्रमण हो तो इलाज करवाना चाहिए।
पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम ----- सामान्य रूप से इसके इलाज का उद्देश्य शरीर में हार्मोन्स के संतुलन को बनाये रखना होता है इसलिए जिन्हे पीसीओएस की शिकायत है उन्हें गर्भनिरोधक गोली या हार्मोन्स दिए जाते है। दूसरी तरफ ओवरसेक्टव थायराइड की दवा के जरिए जो शरीर के द्वारा निर्मित हार्मोन्स थायराइड हार्मोन्स की मात्रा कम करती है इसका इलाज सम्भव है
जीवन शैली में बदलाव ला केर ---- पीरियड को रेगलर करने के लिए घूमने जाये , खुश रहे , वजन ज्यादा न बढ़ने दे , अपना खानपान अच्छा रखे।
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