Tuesday, March 3, 2020

कान की खुजली से परेशान हो तो ये उपाय कर लो।

कान की खुजली से परेशान हो तो ये उपाय कर लो। 

कभी कभी कान की खुजली हमें बहुत परेशान करती है।  कान की खुजली के कई कारण हो सकते है जैसे जब होता है जब मौसम बदलता है या हमे कफ की शिकायत रहती है या कान में धूल मिट्टी  के कारण  मैल हो जाता है या ज्यादा ईयरफोन  लगाने से या कान में पानी जाने से या भोजन से कोई एलर्जी होने के कारण , जो की कान की खुजली का कारण है। 
कान की खुजली के ये उपाय बड़े कारगर है आप भी जाने कौन से है वह --
अदरक को बहुत अच्छी आयुर्वेदिक दवा माना  जाता है अदरक अनेकों  बीमारियों में और दर्द को कम करने में  काम आती है। कान में यदि खुजली हो रही है तो अदरक के रस को गर्मकरके उसमे थोड़ा सा सरसों  का तेल मिलकर कान के ऊपरी हिस्से पर लगा ले ध्यान रहे ये कान के अंदर न जाये।
बहुत से तेल ऐसे है जो कान की खुजली के लिए बड़े कारगर है। जैसे सरसों  का तेल ,नारियल का तेल , ऑलिव आयल , आदि। बस आप को एक थोड़ा तेल गर्म करके उसे ठंडा करना है फिर सर को टेड़ा कर के ड्रॉपर के सहायता से कान में डालना है थोड़ी देर बाद सर को सीधा करके अतिरिक्त तेल निकल दे रूई से पोछ दे ऐसे दूसरे कान में भी करे खुजली से आराम मिलेगा। Image result for kaan ki khujli ka ilaj
लहसुन में एन्टीबैट्रियल गुण  होते है। लहसुन को कूट कर तेल में पका ले फिर तेल को ठंडा होने पर छान ले। रुई की मदद से कान में डाल  ले।
गरम पानी की भाप लेने या गरारे करने से भी कान की खुजली शांत होती है।
एलोवीरा  का जूस को कान में डालने से कान की खुजली शांत होती है। ये कान में टिशू के कारण होने वाली खुजली में कारगर है।
इन बातो का रखे ध्यान।
कान में कोई भी बाहरी वास्तु न डाले।
ईयरफोन का इस्तेमाल कम करे।
नहाते समय ध्यान रखे की पानी ,साबुन या शैम्पू कान में न जाये।


Saturday, February 22, 2020

किडनी स्टोन की समस्या ? न घबराना ऐसे करे कुछ उपाय और पाए छुटकारा

किडनी स्टोन की समस्या ? न घबराना ऐसे करे कुछ उपाय और पाए  छुटकारा 

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हमारे शरीर में किडनी बहुत अहम् भूमिका अदा  करती है इसका काम शरीर से टॉक्सिन  हटाने का काम होता है ये ही शरीर में अन्य तरल पदार्थ  केमिकल और मिनरल्स की मात्रा को संतुलित करना है। आजकल किडनी स्टोन की बीमारी आम होती जा रही है।  हमारी किडनी सही तरीके से काम करे इसके लिए हमें खूब पानी पीना चाहिए। ताकि शरीर में जो भी विषैले पदार्थ  हो पानी के साथ निकल जाए। कम पानी पीने  से शरीर के विषैले पदार्थ  बाहर  नही  निकल पाते है जिसके कारण  धीरे धीरे किडनी स्टोन बनना शुरू हो जाता है।ये स्टोन किसी भी आकार के हो सकते है।  यदि ये लक्षण हो तो समझ  लेना चाहिए की किडनी में स्टोन है।
* पेशाब करने में परेशानी होना।
*  अचानक वजन कम होना।
* हल्का हल्का बुखार रहना और चक्कर आना।
* पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होना।
 वैसे तो किडनी में स्टोन के इलाज के लिए कई सारे विकल्प है परन्तु हमें कुछ प्राकर्तिक तरीको से किडनी स्टोन निकलने की कोशिश करनी चाहिए पर यदि समस्या ज्यादा है तो यूरोलॉजिस्ट से सलाह करे।  आइये जाने प्राकर्तिक तरीको से हम किडनी स्टोन कैसे निकल सकते है।
खूब पानी पीकर ---- किडनी स्टोन के मरीजों को खूब सारा पानी पीना चाहिए जिससे शरीर में विषैले पदार्थ  बाहर  निकल सके।  रोज आठ से दस गिलास पानी पीने से स्टोन पेशाब के प्रेशर से बाहर  निकल जाती है।
एप्पल साइडर विनिगर -----दो चमम्च  एप्पल साइडर विनिगर को एक गिलास गुनगुना पानी में मिलकर नियमित रूप से लेने से पथरी निकल जाती है।  एप्पल साइडर विनिगर में साइट्रिक एसिड होता है जिससे   पथरी छोटे छोटे टुकड़ो में टूट कर निकल जाती है। विनिगर के सेवन से शरीर के विषैले पदार्थ  बाहर  निकल जाते है।
अनार का रस ----- अनार में अनेकों  गुण  होते है इसके नियमित रूप से रस का सेवन करने से किडनी स्टोन प्राकर्तिक रूप से बाहर  आ जाते है साथ ही ये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
निम्बू का रस और ऑलिव आयल ----- एक गिलास पानी में दो चमच्च  निम्बू का रस और दो चमच्च  ऑलिव आयल का सेवन करने से पथरी बाहर  निकल जाती है। ये तरीका पथरी बाहर  निकलने के लिए काफी कारगर साबित हुआ है। निम्बू का रस पथरी के छोटे छोटे टुकड़े में करता है और ऑलिव आयल पथरी के टुकड़ो को शरीर से बाहर  निकलने में मदद करता है। इसको जब तक पीना चाहिए तब तक पथरी बाहर  नहीं आ जाती।
भुट्टे के छिलके ----- भुट्टे के छिलके में जो बाल या रेशा होता है उस रेशे को दो कप पानी में तब तक उबले जब तक पानी आधा न रह जाए। इस पानी को छान कर नियमित रूप से पिए  जब तक पथरी न निकल जाए।
पथरी निकलने के तरीके तो बहुत है परन्तु यदि ज्यादा दर्द या समस्या बढ़  रही हो तो डॉक्टर के पास जाने में न देरी करे। यदि डॉक्टर ऑपरेशन आदि से पथरी निकलने के सलाह दे तो डॉक्टर के सलाह जरूर माने।

   

पोषण और सेहत का फंडा रोज खाये जब अंडा

पोषण और सेहत का फंडा  रोज खाये जब अंडा
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अब ये तर्क पुराना  हो चुका  की अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी।  जो भी हो इसके जो भी गुण है वो किसी अन्य खाने की चीज में नहीं।  अंडा अपने आप में एक सम्पूर्ण आहार है इसमें सभी प्रकार के पोषक तत्व मिलते है जो हर उम्र के लिए जरुरी होते है। आइए आप भी जाने इसके फ़ायदे
यदि आप ने अंडा खा लिए तो आप को बहुत देर तक भूख नहीं लगेगी इस लिए जिन लोगो को अपना वजन करना है तो उन्हें अपने खाने में अंडो का प्रयोग करना चाहिए। अंडो के सफ़ेद भाग में प्रोटीन ज्यादा होता है इसलिए पीले  भाग के जगह सफ़ेद भाग का इस्तेमाल करना चाहिए।
अंडो में फास्फोरस , विटामिन डी , कैल्सियम होता है जो हमारी हड्डियों को मजबूत करता है।
अंडो में विटामिन ए की प्रचुर मात्रा होती है जो हमारी आँखों की सेहत  के लिए अच्छा होता है।
अंडो में मौजूद ओमेगा -3 , फैटी एसिड विटामिन बी 12 होता है जो हमारे मस्तिष्क के सेहत के लिए जरुरी होता है। यानि मस्तिष्क को तेज करना है तो रोज अपने आहार में अंडो को जरूर शामिल करे।
अंडो से ऊर्जा भी मिलती है इसमें मौजूद प्रोटीन शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
अंडा हमारी मांसपेशियों  के लिए लाभदायक होता है इसमें एल्ब्यूमिन नामक प्रोटीन पाया जाता है जो शरीर की मांसपेशियों  के लिए  लाभकारी होता है। इसलिए डॉक्टर मजबूत मांसपेशियों के लिए उबले अंडे खाने की सलाह देते है।
अंडो में कोलिन  होता है जो गर्भ में पल रही बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए अच्छा होता है।



Friday, February 21, 2020

रोजाना सूर्य नमस्कार का अभ्यास करे रोगो का नाश

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रोजाना सूर्य नमस्कार का अभ्यास करे रोगो का नाश 


रोजाना यदि सूर्य नमस्कार करने के आदत शरीर को स्वस्थ और ऊर्जा से भर देगी।  ये बहुत ही सरल और और सहज क्रिया है।  प्रतिदिन  केवल 15 से २० मिनट के समय में ही ये अनेको बीमारियों से दूर कर देगी। आप भी जाने सूर्य नमस्कार के फायदे----
इसको रोज करने से हमारा पाचन तंत्र मजबूत होता है ये कब्ज के समस्या से मुक्ति दिलाता है। 
यदि आप को साँस लेने के परेशानी है तो सूर्य नमस्कार आप की इस समस्या को काफी लाभ देगा क्योकि  सूर्य नमस्कार करने से फेफड़ो के सफाई होती है और साँस लेने की रफ़्तार में लाभ होता है। 
सूर्य नमस्कार से शरीर में खून का दौरा  सही होता है। जिन लोगो का उच्च रक्त चाप रहता है उनके लिए ये क्रिया बहुत लाभकारी है इससे उनका तनाव कम होता है। 
सूर्य नमस्कार से शरीर चुस्त और तंदरुस्त रहता है और लम्बे समय तक जवां  रहता है। मानसिक सेहत भी बहुत अच्छी रहती है। 
सूर्य नमस्कार से हमारे शरीर के सभी अंग अच्छी तरह से काम करते है और सेहत मंद रहते है। 
सूर्य नमस्कार करने से मन पर नियंत्रण रहता है इससे ध्यान करने की क्षमता बढ़ती है और आत्मविश्वास बढ़ता है। 
सूर्यनमस्कार से हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है जिससे हमारा शरीर बीमारियों से बचा रहता है। 
सूर्य नमस्कार से फैट  कम होता है तथा शरीर शेप में रहता है और शरीर का पोस्चर सुंदर बनता है। 
सूर्य नमस्कार से महिलाओं  को होने वाली समस्या जैसे बांझपन , गर्भाश्य  और अंडाशय की बीमारियों में लाभ मिलता है और इन अंगो की सेहत अच्छी होती है। 

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बेकार समझ कर फेंक मत देना ये बड़ी काम की घास है

बेकार समझ कर फेंक  मत देना ये बड़ी काम की घास है

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दूधी घास एक प्रकार की घास होती है।  इसे दूधी घास इसलिए कहा जाता है क्योकि  जब इसको तोडा जाता है तो इसमें से दूध जैसा एक पदार्थ निकलता है।  आयुर्वेद में इसके पत्ते , जड़ , डंठल , फूल ,और इसका दूध बहुत उपयोगी बताया गया है। इस घास में अनेकों  गुण  होते है। आइये आप भी जाने इसके गुण।
पथरी की समस्या में ये बड़ी लाभकारी है यदि इसके पत्तों  को उबालकर काढ़ा  बनाकर दो चमच्च  सुबह शाम ले ले तो पथरी में लाभकारी होता है इससे पथरी अपनेआप निकल जाती है।
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यदि आप को बाल झड़ने की शिकायत है तो दूधी घास के रस में कनेर के पत्तों  का रस मिला कर सर में लगाए फिर दो घंटे बाद सर धो दे पर इसको लगते समय अपनी आँखे  बचा कर रखे।
खांसी की समस्या में दो कप पानी में दूधी घास का चूर्ण को तब तक उबले जब तक पानी आधा न रह जाए  फिर इसको छान कर ठंडा कर ले आधा आधा चमच्च  सुबह शाम लेने से खांसी की समस्या में आराम मिलेगा।
यदि काटा चुभ जाए  तो दूधी घास को पीसकर लेप कर ले दर्द में आराम मिलेगा साथ ही कांटा आसानी से निकल जायेगा।
पानी या दूध से दूधी घास के चूरन को दो से चार ग्राम नियमित लेने से शुगर की समस्या में आराम मिलता है।
यदि अस्थमा के मरीज दूधी घास के काढ़े को सुबह और शाम गुनगुना कर के ले तो अस्थमा में बहुत फायदा पहुँचता है। 

क्या आप डायबिटीज के मरीज है तो ये जानकारी आपके लिए है।

क्या आप डायबिटीज के मरीज है तो ये जानकारी आपके लिए है।
आज की दुनिया में डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कुछ लोगो को पता भी नहीं होता की उनको डायबिटीज है। वर्तमान समय में डायबिटीज टाइप - 2 के मरीजों की संख्या लगातार बाद रही है जिसका कारण  हमारा आधुनिक लाइफस्टाइल है।  आइए जाने आप कैसे बचे इस रोग से।   यदि आप को ये रोग है तो इन तरीको से अपने आप को फिट रख सकते है। 
नियमित व्यायाम ----- नियमित व्यायाम से आपके शरीर की ऊर्जा का स्तर सही बना रहता है तथा इससे हमारे शरीर गुलूकोज़  और मेटाबॉलिजम भी नियंत्रित रहता है । नियमित व्यायाम हमारे शरीर में इन्सुलिन बनने की प्रक्रिया में मदद तो करता है साथ ही ये हमारे मन और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। हमारे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
सेहतमंद खान -पान ------  यदि हम ऐसा खाना खाने की आदत डाले जो हमारे शरीर की जरुतत के हिसाब से हो। खाने में प्रोटीन , कैल्शियम , कार्बोहाइड्रेट्स विटामिन्स वसा , फाइबर आदि प्रचुर मात्रा में हो। यदि हम को बाहर  का खाना जैसे पिज़्ज़ा , बर्गर आदि पसंद है तो हमें इस प्रकार के खाने को नियमित रूप से नहीं लेना चाहिए इसके लिए सप्ताह का एक दिन आप थोड़ी मात्रा में ले सकते है। हमें अपने वजन और कद के हिसाब से भोजन करना चाहिए। यदि उच्च रक्त चाप रहता है तो भोजन में नमक के मात्रा कम  तो लेनी  चाहिए साथ में आचार , जैम , चटनी आदि को बहुत कम मात्रा में या नहीं लेना चाहिए। 
गैजेट्स  से कुछ समय दूरी  बना के रखे ------  आज के जीवन में कंप्यूटर , मोबाइल और लैपटॉप  के बिना काम नहीं चलता है इस कारण हम घंटो बैठे बैठे काम करते रहते है और कहते रहते है जिसके कारण हमारा शरीर सक्रिय नहीं रहता है और इसका नतीजा मोटापा , कमरदर्द , सर्विकल  डॉयबिटीज आदि बीमारियाँ।  हमें एक नियम बनाना चाहिए की हम दिन में कम से कम २ घंटे इन गैजेट्स  से दूर रहेंगे और सैर , पौधों  में पानी देना आदि कार्य कर के अपने दिमाग और शरीर को ऊर्जा से भर देंगे।
पूरी नींद लेना --- हम घंटो कंप्यूटर और मोबइल  के साथ समय बिताते है और देर रात तक काम करते रहते है।  हमें अपने आप से ये वादा करना चाहिए कि  हम रात को समय पर सोये और सुबह समय पर जागे। समय पर सोना जरुरी इसलिए होता है क्योकि  अच्छी नींद से हमारा शरीर डिटॉक्सिफाइड होता है। नींद में शरीर हमारे शरीर के मरमत की नहीं करता बल्कि उसे अगले दिन के लिए रिचार्ज भी करता है।  तनाव को कम और नार एड्रेनालिन है।
खूब पानी का सेवन करे ----  पानी का काम केवल प्यास बुझाना ही नहीं होता है बल्कि ये पाचन में सहायता , शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है , शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण करता है साथ ही हानिकारक पदार्थो को शरीर से बाहर  निकलने में मदद करता है। दिन में 8 गिलास पानी पीने  से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर  निकल जाते है साथ ही शरीर मोटापे जैसे बीमारियों से दूर होता है और शुगर की बीमारी से शरीर बचा रहता है।
ध्यान करना ---- ध्यान करने से हमारे शरीर की इन्सुलिन प्रतिरोध को काम करता है। ये तनाव हार्मोन इन्सुलिन और ग्लूकोस के स्तर  को तेज करके शुगर लेवल को संतुलित करता है।  इससे तनाव से राहत तो मिलती है मन शांत और ऊर्जा से भर जाता है जो की स्वस्थ जीवन के लिए जरुरी है।



सबसे सस्ता कुदरती विटामिन विटामिन डी फिर शरीर भुगतता इसकी कमी

सबसे सस्ता कुदरती विटामिन विटामिन डी फिर शरीर भुगतता इसकी कमी 

हमारा शहरी जीवन चारों  तरफ इमारतों के बीच  गुजरता है जिसके कारण  हमारा सामना धूप के साथ कम होता है जिसका नतीजा हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी का होना।  कितनी विचित्र  बात है कुदरत ने जिससे हमें फ्री दिया है उस की कमी से हम झुझते है। विटामिन डी की कमी का असर ज्यादातर सर्दियों के मौसम में देखने को मिलता है इस मौसम में अक्सर लोगो को जोड़ो में दर्द की शिकायत रहती है। इस साल सर्दी अधिक होने के कारण लोगों  में हड्डियों में दर्द और उससे जुडी शिकायत अधिक रही है इसका कारण ज्यादा ठण्ड होने के कारण  हम पूरी बाजू  की कपडे पहनते है जिससे धुप को हमे त्वचा ग्रहण नहीं कर पाती है। गर्मियों में विटामिन डी की कमी का असर कम होता है।
विटमिन डी जरुरी है हमारे लिए --- विटामिन डी हमारे लिए बहुत जरुरी है क्योकि इसी विटामिन से हमारी हड्डियाँ  स्वस्थ रहती है ये एक तरह का हार्मोन होता है जब हमारी  त्वचा के संपर्क में धूप  में आती है तो हमारे  शरीर के कोलेस्ट्रॉल द्वारा इसका निर्माण होता है। इस विटामिन का सबंध हमारी हड्डियों की सेहत से है। ये  कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डियों के सेहत को बनाता  है। इसके बिना कैल्शियम का अवशोषण हमारा शरीर नहीं कर सकता है। ये केवल एक ऐसा विटामिन है जिसका निर्माण मानव शरीर  खुद करता है जिससे पूरे  शरीर में कैल्शियम का अवशोषण होता है।
क्या होता है इसकी कमी से ---यदि  विटमिन डी की कमी हो जाती है तो शरीर में हड्डियों से जुडी समस्या शुरू हो जाती है।  शरीर के जोड़ो में दर्द , डायबिटीज , हार्ट की बीमारियाँ ,ब्लड प्रेशर और  कैंसर का खतरा हो जाता है। कई जरुरी दवाएँ  भी विटामिन डी की कमी कर सकती है। कोलेस्ट्रॉल घटने के दवाएँ , स्टेरॉयड्स  टी बी और वजन कम करने के दवाओं  को लेने से भी शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। इसकी कमी से गर्भवती महिलाओँ  के बच्चों  को भी इस विटामिन की कमी हो सकती है।
 विटामिन डी के स्रोत ----- वैसे तो विटामिन डी हमें समुंदरी भोजन जैसे मछली , केकड़ा आदि से प्राप्त होता है पर शाकाहारी लोगों  को दूध और दूध से बनी  चीजों,मशरूम  से प्राप्त होता है। एक स्वस्थ व्यक्ति को १०-२० माइक्रोग्राम विटामिन डी की आवशकता होती है। आधुनिक जीवन में इसकी कमी खाने से पूरी नहीं हो सकती है इसके लिए हमे इसके सप्लीमेंट्स की जरुरत पड़ती है। कॉड लिवर आयल बेस्ट सप्लीमेन्ट  है। सुबह की धूप  को लेना सबसे सस्ता और अच्छा साधन है विटामिन डी की कमी को पूरा करने का। सुबह 9 बजे से 11 बजे की केवल 15  मिनट की धूप  लेना अच्छा विकल्प है।
ध्यान रखे इन बातो का ----- डॉक्टर के सलाह के बिना कोई दवा या सप्लीमेंट न ले। डायबिटीज  और हार्ट के मरीजों को डेरी प्रोडक्ट्स ,प्रोबायोटिक्स और डबल टोंड  दूध का सेवन करना चाहिए। हल्का व्यायाम ,और सैर आदि नियमित तौर  पर करे।


गर्मियों में इन उपायों के साथ खुद को स्वस्थ रखना कोई मुश्किल काम नहीं।

  गर्मियों में इन उपायों के साथ खुद को स्वस्थ रखना कोई मुश्किल काम नहीं।  गर्मियों के मौसम में खुद को स्वस्थ रखना एक बहुत बड़ी चुनौती  ह...