Sunday, March 8, 2020

ज्यादा सेनिटाइजर का प्रयोग भी हानिकरक है जानिए क्यों ?

ज्यादा सेनिटाइजर का प्रयोग भी हानिकरक है जानिए क्यों ?

कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग सेनिटाइजर का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे है पर डॉक्टरस के अनुसार ज्यादा सेनिटाइज़र इस्तेमाल करना हानिकारक हो सकता है इसका कारण Image result for sanitizer
*  बाजार में बिकने वाले ज्यादातर सैनिटाइज़र ख़राब गुणवत्ता वाले है।
*  सेनिटाइज़र में एलकोहल और अन्य चीजे त्वचा की एलर्जी का कारण बन सकती है।ज्यादा इस्तेमाल करने से त्वचा पर छोटे छोटे दाने  हो सकते है।
*  इसमें एथनॉल एन  प्रोपेनाल ,आइसोप्रोफोफाईनल नामक  ड्राई अलकोहल होता है जो त्वचा की प्राकृतिक नमी को ख़तम कर देता है जिसके कारण हाथो में रूखापन और त्वचा में रूखापन हो सकता है। जिसके कारण  खुजली हो सकती है। Image result for sanitizer
* इसमें खुशबु के लिए फैथलेट्स नाम का केमिकल होता है यदि इसकी मात्रा ज्यादा हो तो शरीर में प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है।
*  इसमें ज्यादा मात्रा में एलकोहल होने के कारण छोटे बच्चों  की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
कैसे इसका इस्तेमाल करे --- सेनिटाइज़र का इस्तेमाल आप वहाँ  करे जहाँ  इसका इस्तेमाल जरुरी हो जैसे यदि आप जहाँ  है वहाँ  अपने हाथ पानी और साबुन से धो सकते है तो आप अपने हाथ पानी के साथ धोयें। Image result for moisturizer
सेनिटाइज़र का इस्तेमाल आप वहाँ  करे जहाँ  पर हाथ पानी और साबुन से नहीं धो सकते है।
आप यदि घर से बाहर  जा रहे है तो रास्ते में आप सेनिटाइज़र का इस्तेमाल कर सकते है पर घर वापिस आने पर हाथ साबुन से जरूर धोयें और अच्छी किस्म का आयल या मॉश्चराइज़र लगाये।




Friday, March 6, 2020

कुछ बाते जो हम नजरअंदाज कर देते है जो नुकसानदेय है हमारी किडनी पर

कुछ बाते जो हम  नजरअंदाज कर देते है जो नुकसानदेय है हमारी  किडनी पर 

किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है पर हमारी कुछ आदतें इसे ख़राब कर सकती है। सबसे बड़ी बात ये है की किडनी ख़राब  हो गई है इसका पता जब चलता है जब तक बहुत देर हो चुकी होती है। यदि आप अपनी किडनी को खराब नहीं होने देना चाहते है तो इन बातो जो ख्याल रखो। Image result for PANI KI KAMI
पानी की कमी ---- अकसर लोग पानी को पीना इतना महत्पूर्ण नहीं समझते और वह  सारा दिन में बहुत कम पानी पीते  है जिसकी सजा हमारी किडनी को मिलती है कम पानी पीने  की वज़ह  से किडनी शरीर से विषैले पदार्थ नहीं निकाल  पाती है और वह  पदार्थ वही  इकठ्ठा होते रहते है। जो की आगे चल कर बहुत भयानक रूप ले लेते है। Image result for NAMK KA SEVAN
Image result for CHINI KA SEVANनमक का कम सेवन करना --- नमक हमारे जीवन के लिए जरुरी है पर एक सीमित मात्रा में। ज्यादा मात्रा में नमक का सेवन खतनाक होता है। क्योकि  इससे किडनी रोगो का खतरा बढ़ जाता है। एक दिन में 4. 7 ग्राम नमक ही काफी होता है।
चीनी का सेवन कम --- ज्यादातर लोग मीठे के शौकीन होते है। गर्मियों में लोग मीठे पेय पदार्थो को ज्यादा महत्व देते है। ज्यादा मात्रा में मीठे पदार्थ लेने से यूरिन में प्रोटीन जाने का खतरा बढ़ जाता है इससे हमारी किडनी पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए चीनी की संतुलित मात्रा में सेवन करे।   Image result for YURIN KO ROKANa
Image result for nind puri na hone se kya hota haiयूरिन रोकना --- लोग यूरिन आने पर भी घंटो रोक लेते है जिससे यूरिन में मौजूद बैक्टरिया यूरीन संक्रमण कर देते है जिससे हमारी किडनी प्रभवित होती है। बार बार पेशाब रोकने से किडनी स्टोन और किडनी फेल होने की आंशका बढ़ जाती है।
नींद पूरी न होना -- नींद पूरी न होना भी एक बहुत बड़ी समस्या है। यदि नींद पूरी नहीं होती तो शरीर पर काफी फर्क पड़ता है क्योकि  जब हम सो रहे होते है तो हमारी किडनी अपना कार्य करती है नींद के दौरान किडनी अपनी कोशिकाओं के नुकसान की भरपाई करती है। कम नींद से शरीर का मेटाबॉलिजम भी प्रभावित होता है। Image result for pain killer lena
पेनकिलर का ज्यादा प्रयोग -- लोग बिना डॉक्टर की सलाह के पेनकिलर ले लेते है। अधिक मात्रा में पेनकिलर लेने से किडनी और लिवर पर बुरा असर पड़ता है।
सिगरेट और तंबाकू का सेवन --- सिगरेट और तंबाकू  का सेवन बहुत हानिकारक होता है। इसमें एथिरोस्क्लिरोसिस नाम की बीमारी भी हो सकती है जिसमे रक्त नलिकाओं का बहाव धीमा हो जाता है जिसके कारण किडनी को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता  है इससे इसकी कार्यक्षमता कम हो जाती है।    Image result for nonveg  khana
नॉनवेज खाना --- नॉनवेज खाने से प्रोटीन की प्राप्ति होती है पर ज्यादा नॉनवेज खाना शरीर के लिए हानिकारक है क्योकि  इससे किडनी पर मेटाबॉलिक भर पड़ता है। पाचन क्रिया के दौरान प्रोटीन टूट कर यूरिक एसिड में बदल जाते है। किडनी यूरिक एसिड को पे यूरिक एसिड शरीर में जमा होते रहते है जो किडनी की कार्य क्षमता पर असर डालता है। शाब के साथ किडनी से बाहर निकाल देती है यदि ज्यादा मात्रा में नॉनवेज खाया जाये तो इसका भर किडनी पर पड़ता है और किडनी सारा यूरिक एसिड को शरीर से बाहर  नहीं निकल पाती है जिसके कारण
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ब्लड प्रेशर  का अनियंत्रित होना -- अगर ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो तो इसका असर किडनी पर होता है। हाइपरटेंशन के शिकार 90 प्रतिशत लोगों  की किडनी ख़राब होने के लक्षण होते है जिसकी जानकारी उनको नहीं होती है। उच्च रक्तचाप से बचने के लिए अपने रक्तचाप पर नजर रखे यदि रक्तचाप कण्ट्रोल नहीं हो रहा है तो डॉक्टर के सलाह  ले।
संकम्रण में लापरवाही --- यदि आपको यूरिन संक्रमण हो जाता  है और आप उसके उपचार  में लापरवाही बरते है तो इसका सीधा असर आप की किडनी पर पड़ता है। इसलिए यदि आप को बार बार यूरिन संक्रमण हो रहा है तो डॉक्टर जाँच अवश्य करा ले।


यूरिक एसिड बढ़ गया तो परेशान मत हो। ये उपाए आप के काम आयेंगे।

यूरिक एसिड बढ़ गया तो परेशान  मत हो।  ये उपाए आप के काम आयेंगे। 

Image result for khatte falखट्टे फलों  का सेवन --- यूरिक एसिड को खट्टे फल जैसे निम्बू ,संतरा , आमला आदि का सेवन लाभकारी रहता है इसका कारण खट्टे फलों  में साइट्रिक एसिड होता है जो यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकता है। यूरिक एसिड बढ़ने की अवस्था में यदि सुबह खाली  पेट निम्बू पानी का सेवन किया जाए  तो यूरिक एसिड की समस्या कम होगी। Image result for seb ka sirka
सेब का सिरका ---- यह शरीर प्राकृतिक ढंग से सफाई करता है और शरीर के यूरिक एसिड को तोड़ता है। यदि एक गिलास पानी में एक चमच्च  सेब का सिरका डाल  कर खाना खाने से पहले ले तो यूरिक एसिड की समस्या में आराम मिलता है। Image result for fiber diet
फाइबर युक्त आहार --- फाइबर युक्त आहारजैसे ओट्स , दलिया,सेब , संतरे   साबुत आनाज आदि  यूरिक एसिड को सोख कर शरीर से बाहर  निकलने में मदद करता है। Image result for ajwain
अजवाइन ---- अजवाइन का सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर कम होता है। अजवाइन में ओमेगा 3 फैटी एसिड और डुरेटिक आयल होता है जो शरीर से अतिरिक्त यूरिक एसिड को बाहर  निकलता है। Image result for gehu jawara
गेहूँ के ज्वार  ---- रक्त में अल्काइन  प्रभाव को वापस लाने  के लिए गेहूँ ज्वार मदद करते है। इसमें विटामिन सी , क्लोरोफील  और फाइटोकेमिकल्स से भरपूर  होता है। रोज गेहूँ  ज्वार  के दो चम्मच रस को निम्बू के रस के साथ लेने से लाभ मिलता है। 

यूरिक एसिड बढ़ने क्या होती परशानियाँ ? ये बीमारियों के होने की शुरुवात तो नहीं।

यूरिक एसिड बढ़ने क्या होती परेशानियाँ  ? ये बीमारियों के होने की शुरुवात तो नहीं। 

आमतौर पर लोगों  से यही सुनने में आता है की उनका यूरिक एसिड  बढ़ा हुआ है। शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से कई समस्या पैदा होती है खास कर किडनी ,लिवर और दिल के लिए यूरिक एसिड  बढ़ना बहुत ख़तरनाक होता है। यदि हम चाहते है की किडनी , दिल , और लिवर अपना काम सही तरह से करे और उनके सेहत अच्छी रहे तो हमें अपने शरीर की यूरिक एसिड की मात्रा सही रखना होगा।  इसके लिए हमें समय समय पर यूरिक एसिड की जाँच करवानी चाहिए। यदि हमारा खान पान सही रहे तो शरीर में यूरिक एसिड सही रहता है।
यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर पर क्या प्रभाव पढता है ?  ----- यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है।  शरीर की मांसपेशियों  में सूजन आना शुरू हो जाती है तथा उनमे दर्द होता है। यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर की किसी भी हिस्से में दर्द हो सकता है। यूरिक एसिड बढ़ने से ह्रदय की धमनियां में अकड़न आ सकती है। ज्यादातर मामलो में यूरिक एसिड का बढ़ना शरीर के मेटाबॉलिजम के कमजोर होने के कारण होता है।
यूरिक एसिड समस्या के तीन कारण -----
 रक्त में यूरिक एसिड अधिक बनना। -- जब ऐसा खाना खाया जाये जिसमे प्यूरिन अधिक हो।
यूरिक एसिड का शरीर से बाहर कम निकलना -- जब यूरिक एसिड शरीर से कम मात्रा में बाहर  निकलता है ऐसा इसलिए होता है क्योकि  किडनी रोग , कुछ दवाइयों जिनके कारण यूरिक एसिड की बजाय दूसरे पदार्थ शरीर से बाहर निकलते है।
मिले जुले कारण --- अधिक मात्रा में शराब पीना ,खाने में अधिक चीनी लेना ,पोषण की कमी। Image result for uric acid
यूरिक एसिड शरीर में कैसे बढ़ जाता है  ?--- यूरिक एसिड शरीर में पाचन क्रिया के दौरान बनता है। .हमारी किडनी रक्त में ही यूरिक एसिड को साफ कर देती है जो पेशाब और मल  के माध्यम से हमारे शरीर से निकल जाता है। यूरिक एसिड जब ज्यादा बढ़ जाता है तो ये पेशाब और मल के माध्यम से बाहर  नहीं निकल पाता है क्योकि  इसे हमारी किडनी फ़िल्टर नहीं कर पाती है। इसी कारण यूरिक एसिड का स्तर  शरीर में बढ़ जाता है। यूरिक एसिड एक प्रकार का रसायन है जो प्यूरीन  नाम के रसायन है ये रसायन हमारे शरीर में बनता है और ये खाद्य पदार्थों  में होता है। खून में जब यूरिक एसिड बढ़ जाता है तो इसे  हाइपरयूरिसेमिया है। इस कारण गाउट ,गठिया ,ह्रदय  रोग ,किडनी रोग और डायबिटीज हो सकती है।
कितना स्तर होना चाहिए यूरिक एसिड का ? -- यूरिक एसिड का स्तर महिलाओं में  2. 5  से 6  एमजी /डी एल और पुरषों  में 3. 4  एमजी /डी एल  से 7एमजी /डी एल   होना चाहिए। यदि किडनी टॉक्सिन को सही तरह से फ़िल्टर नहीं कर पाती तो शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है।
यूरिक एसिड के बढ़ने के कारण ----- यूरिक एसिड के बढ़ने के कई कारण हो सकते है जैसे आनुवंशिकता ,डायबिटीज ,आइरन का बढ़ना , हाई ब्लूडप्रेशर ,थाइरॉएड  कम  या ज्यादा होना , किडनी का ख़राब होना ,मोटापा , गलत खान -पान , अधिक मात्रा में शराब पीना ,ज्यादा मात्रा में माँसाहार  भोजन करना। Image result for uric acid
यूरिक एसिड बढ़ने से होने वाली समस्यायें --- यूरिक एसिड बढ़ने के कारण सिर्फ जोड़ो में दर्द नहीं होता है इसके अलावा शरीर में पथरी का खतरा बढ़ जाता है। जोड़ो में यूरिक एसिड जमा होने पर गाउट गठिया की समस्या हो जाती है। यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर में एंडोथिलायल नाइट्रिक ऑक्साइड की कमी होने लगती है इससे ब्लूडप्रैशर के समस्या हो जाती है। यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या तभी सामने आती है जब किसी मरीज को जोड़ों  के आसपास सूजन मांसपेशियों  में दर्द ,ह्रदय और किडनी की समस्या की जाँच यूरिक एसिड का बढ़ना पाया जाता है।
यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या करे --- ज्यादा पानी पिए।  जितना अधिक पानी और तरल पदार्थों  का सेवन करेंगे किडनी से यूरिक एसिड उतनी ही जल्दी शरीर से बाहर  निकलेगा।  रोजाना कम से कम 3 से 4 लीटर पानी जरूर पिए।
शरीर का वज़न  न बढ़ने दे।  बढ़ता वजन भी यूरिक एसिड को बढ़ता है। ज्यादा वज़न  होने से हमारी किडनी सही ढंग से यूरिक एसिड को फ़िल्टर नहीं कर पाती है। जिसके कारण ये शरीर पर जमने लगता है।
एलकोहल लेने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और यूरिक एसिड बढ़ जाता है। हमारी किडनी वेस्ट पदार्थों  की जगह एलकोहल को फ़िल्टर करने लग जाती है। Image result for uric acid
मांस और सी  फ़ूड में प्यूरिन बहुत अधिक होता है इससे शरीर में यूरिक एसिड बहुत अधिक बनता है। पोर्क , तुर्की ,फिश ,और शेलफिश , हरे मटर , मीट , ड्राई बीन्स , मशरूम , और पत्तागोभी ,का सेवन कम करे। जिन लोगो को यूरिक एसिड अधिक बनता है वो भीगे हुए चने कम खाये क्योकि  भीगे हुए चनो में प्यूरिन अधिक होता है। 
यदि आपके शरीर में प्रोटीन अधिक बनता है तो आपको लो प्रोटीन डाइट खानी  चाहिए। शाकाहारी लोगों  के लिए प्रोटीन के लिए दाल खाना भी जरुरी है इसके लिए दाल को पतला करके खाये। मांसाहारी लोगों  को कलेजी ,और गुर्दा खाने से बचना चाहिए। चीनी और शहद की कम मात्रा ले।
टेस्ट और उपचार - यूरिक एसिड के लिए सीरम यूरिक ब्लड टेस्ट होता है। यदि ब्लड में यूरिक एसिड ज्यादा है तो मूत्र को चौबीस घंटे के लिए सग्रह के लिए डॉक्टर कह सकते है फिर टेस्ट किया जाता है। फिर मूत्र टेस्ट करा जाता है प्यूरिन रहित डाइट लेने के बाद। इसके बाद डॉक्टर यूरिक एसिड का इलाज करते है। यदि गाउट होता है तो जोड़ो में बना तरल पदार्थ को लेकर उसका टेस्ट किया जाता है। यूरिक एसिड बढ़ने पर डॉक्टर दवा के साथ खानपान में सुधर के लिए कहते है।

Thursday, March 5, 2020

अकसर लोग कोरोना वायरस से जुडी इन बातों को जानने की कोशिश करते है।

अकसर लोग कोरोना वायरस से जुडी  इन बातों को जानने की कोशिश करते है। 

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एंटीबायोटिक कारगर नहीं बस हाथ धोते रहना ही सबसे बड़ा उपचार है
कोरोना वायरस का अबतक कोई भी एंटीबायोटिक नहीं बना है इस लिए इस वायरस को ख़तम करने और  इसका उपचार करने में बड़ी परेशानियाँ आ रही है।  इस वायरस को लेकर लोगों  डर बैठ  गया है। इस वायरस को लेकर लोग भी तरह तरह की गलत बातें  भी फैला रहे है। आप की जानकारी के लिए बता दे ये वायरस भी आम वायरस की तरह ही है पर फर्क इतना है कि  दूसरे वायरस के एंटीबायोटिक दवाएँ  बन गयी है परन्तु दुर्भाग्य से अभी तक कोरोना वायरस  कि  एंटीबायोटिक दवा नहीं बनी  है।  हमारे वैज्ञानिक दिन रात इस वायरस प्रतिरोधक दवा बनाने की कोशिश कर रहे है और उम्मीद है जल्द ही उन्हें सफलता मिलेगी। कोरोना वायरस को लेकर लोगो के मन में कुछ सवाल आते है आइये जाने कौन  से वो सवाल है और उनके उतर क्या है।
लोग अक्सर एक दूसरे या डॉक्टर से सवाल पूछते है कि
हमें कौन  सा टेस्ट करना चाहिए ?
कोरोना वायरस से ग्रस्त है की नहीं इसके जानने के लिए पॉलिमर चेन रिएक्शन (पी सी आर ) टेस्ट करवाया जा सकता है। यदि रोग की पुष्टि होती है तो सैंपल को पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलाजी  में भेजा जाता है।  एम्स  दिल्ली , केजीएमसी नागपुर से पीसीआर टेस्ट होता है। Image result for coronavirus
क्या हर किसी को मास्क पहनना जरुरी है ?
डॉक्टर के अनुसार मास्क केवल उन लोगो के लिए ज्यादा जरुरी है जिन को खांसी , जुकाम , या बुखार आदि है। यदि लोग अपनी सुरक्षा ज्यादा चाहते है तो वो मास्क पहन सकते है। कोरोना वायरस पर साधारण मास्क बेअसर होते है इसलिए कई परतों  वाले मॉस्क का प्रयोग करे। डॉक्टर के अनुसार एन 95 मास्क ही सबसे सुरक्षित मास्क है। मास्क पहने के बाद बार बार चेहरा छूना गलत है इसे संक्रमण का खतरा बढ़  जाता है।  डॉक्टर के अनुसार मास्क पहनने से ज्यादा बार बार हाथ धोने से संक्रमण का खतरा नहीं रहता है।
एंटीबायोटिक कितनी कारगर है ?
डॉक्टरों के अनुसार एंटीबायोटिक वायरस पर असर नहीं करती है।  एंटीबॉयोटिक दवा केवल बैक्टीरिया के संक्रमण पर रोक लगाते  है। कोरोना एक वायरस है इसलिए इसपर एंटीबायोटिक का असर नहीं है।
क्या हवा से भी वायरस फैल  रहा है ?
विश्व संगठन के अनुसार कोरोना वायरस हवा से नहीं फैलता बल्कि खांसने  ,छींकने से ,साँस लेने और छोड़ने से फैल  रहा है। इसलिए हमें उन लोगों  से दूर रहना चाहिए जिनको खांसी , जुकाम ,या बुखार है।
क्या हाथ मिलाने से भी फैलता है ये वायरस ?Image result for coronavirus
जी हाँ कोरोना वायरस हाथ मिलाने से भी फैलता है। यदि संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिला लिया जाये तो ये दूसरे के शरीर पर भी अपना घर कर लेंगे।
किन लोगों को कोरोना वायरस से खतरा है ?
विश्व संगठन के अनुसार बच्चों  और बुजुर्गो को खतरा जयादा होता है क्योकि  इनलोग में रोग से लड़ने के क्षमता कम होती है। साथ ही इलाज करने वाले डॉक्टर और नर्स भी इस वायरस की चपेट में आ सकती है।
क्या हैंड सैनिटाइज़र सुरक्षित है ?
सैनिटाइज़र में अल्कोहल की मात्रा 60 % तक होनी चाहिए। इनका इस्तेमाल किया जा सकता है ये सुरक्षित तो होते है पर ज्यादा समय के लिए  नहीं इसलिए हमें   कोशिश करनी चाहिए के साबुन से ही हाथ धोए। ये ज्यादा सुरक्षित रहता है।
पालतू जानवरों  से फैलता है कोरोना वायरस ?
डॉक्टर के अनुसार अभी तक ये किसी भी शोध में नहीं आया है की कोरोना वायरस पालतू जानवर से फैलता है।  पालतू जानवरों  को साफ सुथरा रखे , उन को  भी कीटाणुनाशक दवा से साफ करे और दिन में दो बार उनपर कीटाणुनाशक ड्राई पाउडर जो की खास जानवरों पर इस्तेमाल के लिए होता है का छिड़काव करना चाहिए। उनकी बैठने के जगह को साफ रखना चाहिए।
क्या आयर्वेदिक दवा ,होम्योपैथिक दवा से उपचार संभव है ?
डॉक्टर्स के अनुसार आयुर्वेदिक दवा अन्य प्रकार की दवा से शरीर में इम्यून सिस्टम को थोड़ा स्ट्रांग बनाने का काम करती है परन्तु यदि रोग के लक्षण दिख रहे है तो बिना देरी के डॉक्टर से मिले।
क्या बाजार का खाना सुरक्षित है ?
हमें ये नहीं पता होता है की बाज़ार का खाना कैसे पका है ,उसमे डालने वाली सामग्री साफ़ है की नहीं। साथ ही हमें ये भी नहीं मालुम होता है की खाना बनाने वाला व्यक्ति स्वस्थ है। यदि खाना बनाने वाले व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है तो निश्चय ही ये वायरस आगे फैल सकते है।




डरना नहीं हराना है कोरोना वायरस के राक्षस को

डरना नहीं हराना है कोरोना वायरस के राक्षस को ।
कोरोना वायरस जी जड़ें  दुनिया के हर कोने में फैल  चुकी है। भारत में में इसने धीरे धीरे अपने पैर पसारने शुरू कर दिए  है। इस बीमारी का डर  लोगों में इस कदर फैल  गया है कि  वह  घर से बाहर निकलने में भी कतरा  रहा रहे है। लोगों  को इस बात के लिए समझना होगा कि भारत में कोरोना वायरस इतना नहीं फैला जितनी गलतफहमिया  फैल  रही है। जहाँ  देखो लोग इस बीमारी को लेकर आपस में बाते करते है और आपने आपने तरीके  से एक दूसरे को जानकारियाँ  कम होने पर भी डराते  रहते है।  कही कोई इसका इलाज बताता  है और कही कोई ये कहता है की बाहर  जाने से , खाने से आदि से ये बीमारी पैदा हो रही है पर सब लोगो को समझना  चाहिए कि  कोरोना वायरस से डरने के जरुरत नहीं बल्कि सावधानी बरतने की जरुरत है। यदि हम सावधानी बरते और सही समय पर डॉक्टर से मिले तो इस बीमारी को हरा सकते है। अभी तक इस बीमारी की चपेट से दुनिया में  केवल 2 %लोगों ही मरे है इससे पता चलता है की ये कोरोना वायरस इतना खतरनाक नहीं जितना डर  फैलाया जा रहा है। Image result for coronavirus
कोरोना वायरस से डरने की जरुरत नहीं है ये माइल्ड टाइप का वायरल इन्फेक्शन है इसलिए इस खतरनाक नहीं कहा जा सकता है।
कोरोना वायरस कमजोर इम्यून सिस्टम पर अटैक करता है या अन्य कुछ कारण हो सकते है।
ये अन्य सीजनल वायरल इन्फेक्शन की तरह है जैसे अन्य इन्फेक्शन में तकलीफ होती है इस इन्फेक्शन में भी तकलीफ होती है।
गर्म तापमान पर कोरोना वायरस नहीं पनपता है। डरने के जरुरत नहीं भारत में अब गर्मी की शुरुवात हो गयी है भारत में मार्च के महीने से तापमान बढ़ने लगता है।
यदि आप को किसी भी व्यक्ति में इस बीमारी के निम्न लक्षण मिले तो डॉक्टर से संपर्क करने में देरी न करे।
नाक बहना
सर में तेज दर्द होना
अचानक तेज बुखार होना
बुखार और गले में दर्द होना
जुकाम खांसी और कफ होना
शरीर में तेज दर्द और कमजोरी होना
साँस लेने में तकलीफ़  , उलटी महसूस करना
पाचन क्रिया में बदलाव आना
लिवर और किडनी में कोई परेशानी आना
कोरोना वायरस से बचने के उपाय
कोरोना वायरस से बचने के लिए साफ़ सफाई का खास ध्यान रखें।
दिन में कम से कम पाँच  बार हाथ धोयें। Image result for coronavirus
खाना खाने से पहले , शौच के बाद , छींकने के बाद ,पशुओं को छूने के बाद हाथ अच्छी तरह कीटाणु नाशक साबुन से धोये। साबुन यदि नहीं उपलब्ध हो तो सैनिटिज़ेर हाथों पर अच्छे से लगाये।
बाहर  से घर आते समय अपने हाथ अच्छे से साबुन से साफ़ करे।
अपने मोबाइल फोन को नियमित रूप से साफ़ करते रहे।
सार्वजानिक जगहों में खांसने  या छीकते समय रुमाल या टिशू  का इस्तेमाल करे। इधर उधर थकने से बचे।
जिन लोगो को बुखार या जुखाम है उनसे दूरी बना कर रखे।
कोरोना वायरस की सही जानकारी ही आप का बचाव है।
सार्वजानिक आयोजनों में जाने से बचे।
ताजा  बना शाकाहारी भोजन ही ग्रहण करे।
ताजे फलों  के जूस ,विटामिन सी वाली चीजों का सेवन अधिक से अधिक करे।
सी फ़ूड या मांसाहारी खाने से बचे।
कोरोना वायरस से बचने के लिए अभी तक कोई भी एंटीबायोटिक कारगर नहीं है इससे बचने के लिए अपने हाथों को धोते रहना सबसे ज्यादा जरुरी है क्योकि हमारे हाथों के द्वारा ही सबसे ज्यादा कीटाणु हमारे शरीर में प्रवेश करते है।


Tuesday, March 3, 2020

कान की खुजली से परेशान हो तो ये उपाय कर लो।

कान की खुजली से परेशान हो तो ये उपाय कर लो। 

कभी कभी कान की खुजली हमें बहुत परेशान करती है।  कान की खुजली के कई कारण हो सकते है जैसे जब होता है जब मौसम बदलता है या हमे कफ की शिकायत रहती है या कान में धूल मिट्टी  के कारण  मैल हो जाता है या ज्यादा ईयरफोन  लगाने से या कान में पानी जाने से या भोजन से कोई एलर्जी होने के कारण , जो की कान की खुजली का कारण है। 
कान की खुजली के ये उपाय बड़े कारगर है आप भी जाने कौन से है वह --
अदरक को बहुत अच्छी आयुर्वेदिक दवा माना  जाता है अदरक अनेकों  बीमारियों में और दर्द को कम करने में  काम आती है। कान में यदि खुजली हो रही है तो अदरक के रस को गर्मकरके उसमे थोड़ा सा सरसों  का तेल मिलकर कान के ऊपरी हिस्से पर लगा ले ध्यान रहे ये कान के अंदर न जाये।
बहुत से तेल ऐसे है जो कान की खुजली के लिए बड़े कारगर है। जैसे सरसों  का तेल ,नारियल का तेल , ऑलिव आयल , आदि। बस आप को एक थोड़ा तेल गर्म करके उसे ठंडा करना है फिर सर को टेड़ा कर के ड्रॉपर के सहायता से कान में डालना है थोड़ी देर बाद सर को सीधा करके अतिरिक्त तेल निकल दे रूई से पोछ दे ऐसे दूसरे कान में भी करे खुजली से आराम मिलेगा। Image result for kaan ki khujli ka ilaj
लहसुन में एन्टीबैट्रियल गुण  होते है। लहसुन को कूट कर तेल में पका ले फिर तेल को ठंडा होने पर छान ले। रुई की मदद से कान में डाल  ले।
गरम पानी की भाप लेने या गरारे करने से भी कान की खुजली शांत होती है।
एलोवीरा  का जूस को कान में डालने से कान की खुजली शांत होती है। ये कान में टिशू के कारण होने वाली खुजली में कारगर है।
इन बातो का रखे ध्यान।
कान में कोई भी बाहरी वास्तु न डाले।
ईयरफोन का इस्तेमाल कम करे।
नहाते समय ध्यान रखे की पानी ,साबुन या शैम्पू कान में न जाये।


गर्मियों में इन उपायों के साथ खुद को स्वस्थ रखना कोई मुश्किल काम नहीं।

  गर्मियों में इन उपायों के साथ खुद को स्वस्थ रखना कोई मुश्किल काम नहीं।  गर्मियों के मौसम में खुद को स्वस्थ रखना एक बहुत बड़ी चुनौती  ह...