Monday, March 16, 2020

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट की जरूरत क्यों पड़ती है क्या आप को पता है ?

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट की जरूरत क्यों पड़ती है क्या आप को पता है ?
लिपिड प्रोफइल टेस्ट क्या है ? लिपिड एक तरह  का वसायुक्त पदार्थ है जो हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के रूप में होता है। आसान भाषा में कहा जाये तो ये टेस्ट हमारे शरीर में अच्छे एचडीएल और बुरे एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का लेवल जांचना होता है।  लिपिड प्रोफइल टेस्ट में पांच तरह के टेस्ट होते है जिसे शरीर में टोटल कोलेस्ट्रॉल ,हाई डेन्सिटी लेप्रोप्रोटीन(HDL) ,लो  डेन्सिटी लेप्रोप्रोटीन(LDL) वैरी लो डेन्सिटी लेप्रोप्रोटीन  (VLDL), ट्राईगिल्सराइड की जाँच होती है। Image result for lipid profile kya hai in hindi
लिपिड प्रोफइल टेस्ट कब करवाना चाहिए ? ------ लिपिड प्रोफइल टेस्ट करवाने के लिए आज की जीवन शैली  को देख कर ये नहीं कहा जा सकता है की किस उम्र में करवाना चाहिए। फिर भी 35 साल की आयु के बाद साल में एक बार इस टेस्ट को करवाना चाहिए।
क्यों आवश्यकता होती है लिपिड प्रोफइल टेस्ट की ? -----  यदि आपके परिवार में किसी को दिल की बीमारी या हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित हो। Image result for lipid profile kya hai in hindi
जिनके शरीर का वजन ज्यादा हो। 
जो लोग ज्यादा शराब या धूर्मपान करते है।
जिन लोगों का गलत लाइफस्टाइल या गलत खानपान हो।
जो व्यक्ति डाइबिटीज से पीड़ित हो
जिनको किडनी की बीमारी हो
वो स्त्रियाँ  जिनका मेनोपॉज हुआ हो।
जिन लोगों का उच्च रक्तचाप रहता हो।
वो स्त्रियाँ जो पोलिसिस्टिक ओवेरी  सिंडोरम से पीड़ित हो।
इन स्वास्थ्य परेशानियों में शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा काफी बढ़ सकता है इसलिए लिपिड प्रोफाइल के जांच करवाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर का पता चलता है यदि कोलेस्ट्रॉल ज्यादा हो तो दवाओं और अच्छी स्वस्थ जीवनशैली और सही खानपान से बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है   ताकि ह्रदय रोगों के खतरे से बचा जा सके। Image result for lipid profile kya hai in hindi
लिपिड प्रोफइल टेस्ट कैसे करवाना चाहिए ?--- लिपिड प्रोफइल टेस्ट खाली  पेट करवाना चाहिए। इस टेस्ट को करवाने के लिए 9 से 12 घंटे तक कुछ खाना या पीना चाहिए। सबसे अच्छा है की रात 8 बजे तक खाना का कर सो जाये और सुबह 8 बजे तक इस टेस्ट करवाने के लिए ब्लड सेम्पल दे। 
क्या स्तर होना चाहिए स्वस्थ व्यक्ति का ?   स्वस्थ व्यक्ति का एलडीएल 70  से 130 मिलीग्राम होना चाहिए ये जितना कम होगा शरीर के लिए उतना ही अच्छा है।
एचडीएल  40 से 60  मिलीग्राम  ये जितना ज्यादा हो उतना ही अच्छा होता है।
कुल कोलेस्ट्रॉल 200 मिलीग्राम  ये जितना कम हो उतना अच्छा माना  जाता है।
ट्राईगिल्सराइड  10 से 150 मिलीग्राम  ये जितना कम हो उतना ही अच्छा है।




Saturday, March 14, 2020

सही नहीं है महिलाओं को पीरियड्स की समस्याओं में अनदेखा करना।

सही नहीं है महिलाओं को पीरियड्स  की समस्याओं में अनदेखा करना। 


महिलाओं को पीरियड होना एक सामान्य प्रक्रिया है,जो किशोरावस्था लगभग 12 वर्ष से शुरू होती है और ये प्रक्रिया 40 वर्ष से 50 वर्ष तक रहती है। यदि ये प्रक्रिया जब अनियमित हो जाती है , तो ये समस्या बीमारी का रूप भी ले लेती है और कभी कभी ये बीमारी इतनी  गंभीर हो जाती है की जान भी चली जाती है। पीरियड सब महिलाओं को एक जैसे नहीं होते है और ये किसी फिक्स टाइम पर नहीं होते है। ये पीरियड  21 से  35 दिनों के अंदर होता है। आमतौर पर ये 5 दिन तक चलता है। जब पीरियड अपना मासिक चक्र पूरा करने के बाद भी न हो या 15 दिन या 1 -2 महीने के अंतराल पर हो तो इसे अनियमित पीरियड कहते है। Image result for piriyad ki sam
पीरियड का अनियमियता का क्या कारण होता है ? अनियमित पीरियड में ब्लीडिंग ज्यादा होती है। देर से पीरियड होना या पीरियड जल्दी जल्दी होने के दौरान ब्लीडिंग कम या ज्यादा होने की समस्या शुरू होने लगती है। कई महिलाओं में मिस्ड पीरियड  लगातार एक चक्र में दो बार होने की समस्या होने लगती है।
अनियमित पीरियड कितनी प्रकार के होते है ? ---- अनियमित पीरियड चार तरह के होते है।
ओलिगोमेनोरिया : इस में पीरियड बहुत कम होता है और पीरियड का चक्र 35 दिन या इससे भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसमें साल में सिर्फ 6 से 8 बार ही पीरियड होते है।
मेटोरइया ---- इस समस्या में पीरियड अनियमित होते है जल्दी जल्दी और लगातार होते रहते है।
मेनोमेट्रोराइया ---- इस समस्या में पीरियडस लम्बे समय तक और हैवी  होते है। , अनियमित पर जल्दी जल्दी होता है। Image result for piriyad ki sam
एमेनोरिया --- इस में पीरियड 3 -6 महीने में या इस से भी अधिक अंतराल तक नहीं होते है।
पीरियड अनियमित होने का क्या कारण होता है ? ---- पीरियड अनियमित होने के कई कारण होते है जैसे गर्भाशय की समस्या , फाइब्रॉइडस , हार्मोनल समस्या, ओवेरेक्टिव थायराइड , किसी भी प्रकार का संक्रमण , पोलिसिस्टिक ,ओविरेरियन  सिंड्रोम ,आदि कारण होते है। युवा लड़कियों का वजन अधिक हो या लम्बे समय से तनाव हो या पीसीओएस के कारण भी पीरियड अनियमित होते है।
महिलाओं में पीरियड अनियमित होने की समस्याओं के ये भी कारण हो सकते है
तनाव --- तनाव के कारण पीरियड अनियमित होना आम कारण है। ज्यादातर युवा लड़कियाँ पढाई ,कैरियर आदि कई बातों का तनाव रहता है। इसका मुख्य कारण थकान ,चिंता आदि है इससे महिलाओं में हार्मोन्स असंतुलित हो जाते है जिससे मिस्ड पीरियड आदि समस्या से गुजरना पड़ता है। Image result for piriyad ki sam
एक्सरसाइज ज्यादा करना ----- यदि महिलाएं अपनी शरीरिक क्षमता से अधिक एक्सरसाइज करती है तो पीरियड में अनियमितता हो सकती है। इसमें पीरियड कम होंगे और धीरे धीरे बंद हो सकते है।
मेनोपॉज ---- इस के होने से हार्मोन्स लेवल में बदलाव आता है जिसके कारण अनियमित पीरियड के द्वारा ये बताता है की अब मेनोपॉज का समय आ गया है। Image result for piriyad ki sam
खानपान --- असंतुलित खानपान शरीर का वजन कम करना या मोटापा भी हार्मोस को प्रभावित करता है।
गर्भनिर्धक दवा का सेवन ---- कभी कभी गर्भनिरोधक दवा से भी पीरियड में अनियमिता आ सकती है। प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन गर्भ नियंत्रण करने वाले हार्मोनल तरिके भी पीरियड को रोकने के लिए जिम्मेवार होते है।
अनियमित पीरियड का इलाज ----- यदि अनियमित पीरियड 6 महीने से अधिक हो रहा है तो इसका इलाज करवाना चाहिए।  कुछ कुछ केस में पीरियड अपने आप ही नियमित हो जाते है यदि नियमित नहीं हो रहे है तो इसका इलाज करवाए। हालाकि युवावस्था या मेनोपॉज में किसी खास तरह के इलाज के आवश्यकता नहीं पड़ती है। लेकिन यदि पीसीओएस ,हाइपरथाइराइडिज्म ,फाइब्रॉइड्स ,गर्भाशय की समस्या या संक्रमण हो तो इलाज करवाना चाहिए। Image result for piriyad ki sam
पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम  ----- सामान्य रूप से इसके इलाज का उद्देश्य शरीर में हार्मोन्स के संतुलन को बनाये रखना होता है इसलिए जिन्हे पीसीओएस की शिकायत है उन्हें गर्भनिरोधक गोली या हार्मोन्स दिए जाते है। दूसरी तरफ ओवरसेक्टव थायराइड की दवा के जरिए जो शरीर के द्वारा निर्मित हार्मोन्स थायराइड हार्मोन्स की मात्रा कम करती है इसका इलाज सम्भव है
जीवन शैली में बदलाव ला केर ---- पीरियड को रेगलर करने के लिए घूमने जाये , खुश रहे , वजन ज्यादा न बढ़ने दे , अपना खानपान अच्छा रखे।



एंडोमिट्रियोसिस एक महिलाओं की दर्दनाक बीमारी इसका सही इलाज और सही जानकारी जरुरी है।

एंडोमिट्रियोसिस एक महिलाओं की  दर्दनाक बीमारी इसका सही इलाज और सही जानकारी जरुरी है। 

एंडोमिट्रियोसिस एक ऐसी बीमारी है जो महिलाओं मासिक धर्म में असहनीय दर्द और पीड़ा देती है। इस बीमारी का असर महिलाओं को मन और तन दोनों पर पड़ता है। महिलाओं में आजकल ये बीमारी बड़ी तेजी से बढ़  रही है जिसका कारण बदलता पर्यावरण ,मिलावट वाली खाने के चीजे , यूरिया का ज्यादा इस्तेमाल होना आदि। अधिकतर महिलायें इस बीमारी के बारे में कम जानती है। उन्हें पता नहीं होता की एंडोमिट्रियोसिस क्या है ?इसका क्या इलाज है ? Image result for endometriosis cyst
25 -30 साल की महिलाओं में पेट दर्द की शिकायत और कंसीव न करने का एक आम कारण है एंडोमिट्रियोसिस। एंडोमिट्रियोसिस गर्भाशय के आसपास के टिशू (एण्डोमीट्रियम  इसका कार्य अंडे का निर्माण करना या गर्भ को पोषण देना है। जब गर्भ नहीं होता है तो ये परत टूट कर मासिक धर्म के रूप में शरीर से बाहर  आ जाती है  )की ग्रोथ सही तरीके  से नहीं होती। इससे महिलाओं को जब भी मासिक धर्म होता है तब टिशू के अंदर की तरफ ब्लीडिंग होती है इससे ब्लड ओवरी में जम जाता है इसे ही एंडोमीट्रोयोसिस सिस्ट  या चॉकलेट सिस्ट कहते है। इसमें शरीर की श्रोणी  वाले हिस्से में ब्लड के क्लॉट बनने लगते है। इस कारण ओवेरी ,आंते ,और टूब्स आपस में चिपकने लगती है। इससे उन अंगों का नुकसान  होता है जिससे बहुत पीड़ा होती है। Image result for endometriosis hindi me
क्या होता है इस बीमारी का इलाज ? ----- इस बीमारी का इलाज इस बात पर निर्भर करता  है की बीमारी कितनी कितनी पुरानी  है।  फिर दवाओं  द्वारा उभरे हुए टिशूस  को दबाने की कोशिश करते है जससे उनका प्रभाव कम हो जाये। गर्भनिरोधक गोलियों और प्रोजेस्ट्रोन गोलियों से इनका इलाज किया जाता है। इन दवाओं से एंडोमिट्रिअल टिशू और ओवरी के अंदर के टिशू पर असर पड़ता है जिसके कारण मासिकधर्म अस्थाई रूप से बंद हो जाता है। जब दवाओं का असर ख़तम हो जाता है तब सर्जरी की सलाह दी जाती है। लैप्रोस्कोपी से ओवेरी में अंडाशय और बाकि के अंगों के आसपास जमे खून को साफ़ कर दिया जाता है बिना किसी अंगों को नुकसान पहुँचाय । इससे दर्द से राहत मिलती है और और मरीज के  माँ बनने के संभावना बढ़ जाती है।  Image result for endometriosis laparoscopic surgery
एंडोमिट्रियोसिस मरीज क्या करे ----- एंडोमिट्रियोसिस में मरीज को तेज दर्द होता है। दर्द निवारक गोलियों से भी आराम नहीं मिलता है। रेक्टम में तेज दर्द होता है जिससे मल त्यागने में परेशानी होती है। इस तरह के दर्द से निपटने के लिए सुरक्षित दवाएँ  और टीका उपलब्ध है जो दो से तीन साल तक इससे बचाव करता है। यदि पाँच  सेंटीमीटर से बड़ा एदोमीट्रियोसिस है लैप्रोस्कोपीक सर्जरी ही उपाय है। यदि महिला की  उम्र ज्यादा हो तो यूट्रस और ओवेरी को पूरी तरह से बाहर निकल देना चाहिए। ये ही अंत में समाधान है इस बीमारी का। 





Friday, March 13, 2020

आप का शरीर बताता है की उसको पानी की जरुरत है।

आप का शरीर बताता है की उसको पानी की जरुरत है। 

आपको क्या पता है कि  आपका शरीर ही आपको बताता है कि  उसको पानी की जरुरत है। पानी ही हमारे जीने का आधार है। पानी ही हमारे शरीर की बहुत से बीमारियाँ  दूर कर सकता है पर हमें पता ही नहीं चलता कि हमारे शरीर में पानी की कमी हो रही है। हमारा शरीर कुछ ऐसे संकेत देता है जिससे पता चलता है कि  उसको पानी की कमी है। कौन  से वो संकेत है आइये जानते है हम। 
Image result for PANI KI KAMIमुँह का सुखना --- मुँह का सुखना इस बात का संकेत है कि आपके शरीर में पानी की कमी है और आपको पानी पीना है। कभी कभी हम अन्य तरल पदार्थ  ले लेते है लेकिन पानी नहीं पीते जिसके कारण हमारा मुँह सूखा सूखा सा रहता है। यदि कभी ऐसा आपके साथ हो, तो आप पानी पिए। 
त्वचा का रुखा रुखा होना ---- त्वचा हमारे शरीर का एक ऐसा अंग है जो शरीर में होने वाली कमियों को दर्शाता है। पानी की कमी से हमारी त्वचा सूखी सूखी  हो जाती है। यदि शरीर में पानी की कमी हो तो उसका असर हमारी त्वचा पर पड़ता है ये शरीर में पानी की कमी का संकेत है जब भी आप की त्वचा सूखी सूखी  हो तो आप खूब पानी पिए। Image result for PANI KI KAMI
ड्राई आईज ---- पानी की कमी का संकेत ड्राई आईज है इसमें आँखे लाल और सूखी  सूखी  सी लगती है और आँखों में दर्द भी होने लगता है यदि ऐसा हो तो आपको पानी ज्यादा मात्रा में पीना शुरू कर दे। 
यूरिन का रंग बदलना --- यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी पी  रहे है तो आपके यूरिन का रंग हल्का पीला या साफ़ होगा। यदि आपके यूरिन का रंग गाढ़ा पीला हो तो इस संकेत को समझ लेना चाहिए की आपके शरीर में पानी की कमी है। इस अवस्था में ख़ूब पानी पीये ताकि शरीर की गंदगी बाहर आ सके। 
कब्ज की शिकायत ----- अकसर कब्ज की शिकायत उनको होती है जो लोग कम पानी पीते  है। शरीर में वेस्ट पदार्थ बाहर  निकलने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। शरीर में अच्छी पाचन क्रिया के लिए प्रचुर मात्रा में पानी पीना जरुरी होता है। कब्ज की शिकायत है तो इस बात का संकेत है की शरीर में पानी की कमी हो रही है। 
Image result for jodo ka dardजोड़ों में दर्द होना ----- हमारे शरीर के जोड़ 80 प्रतिशत पानी से बने हुए है यदि पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पिया जाये तो आपको जोड़ो के दर्द की समस्या हो सकती है। जोड़ों में यदि दर्द रहता  है तो प्रचुर मात्रा में पानी पीना शुरू कर दे। 
बीमार होना ---- जब आप बीमार होते है तो आपके शरीर में पानी की कमी हो जाती है। पानी द्वारा ही शरीर से विषैले पदार्थ बाहर  निकलते है जो आपको बीमार बनाते है। बीमारी में डॉक्टर अकसर  खूब पानी पीने  की सलाह देते है। Image result for PANI KI KAMI
चक्कर आना ----चक्कर आना इस बात का संकेत भी हो सकता है कि  आपके शरीर में पानी की कमी हो गयी है। गर्मियों में अकसर धूप  में ज्यादा रहने या अन्य कारण से पानी की कमी हो जाती है जिसके कारण चक्कर आने लगते है। जब भी आपको चक्कर आये तो तुरंत आप पानी पिये। 

ये उपाय कारगर है कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए

 ये उपाय कारगर है कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए

आजकल लोगों में कोलेस्ट्रॉल  बढ़ने की शिकायत आम होती जा रही है। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना बहुत ही घातक है। बढ़ते कोलेस्ट्रॉल कई तरह से किया जा सकता है जैसे संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली  अपना कर। कम घी तेल का इस्तेमाल करके। रोजाना व्यायाम  करके। हमारे आयुर्वेद में भी कुछ प्राकृतिक  ऐसी चीजे बतायी  गयी है जिनसे कोलेस्ट्रॉल कम किया जा सकता है। आज हम आपको कुछ प्राकृतिक चीजों से कोलेस्ट्रॉल कम कैसे करे ये बताते है।
*   रोज सुबह गरम पानी में नीबू का रस और शहद का सेवन करने से रक्त में बढ़ता कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
Image result for colestrol  ke upay*   दस ग्राम साबुत धनिया एक लीटर पानी में इतना उबले की पानी आधा रह जाये। ठंडा होने के बाद दिन में दो बार पिये।
*   प्याज का रस दो चमच्च  प्रतिदिन लेने से आप के शरीर का कोलेस्ट्रॉल कम ही नहीं होता बल्कि खून साफ़ होता है साथ ही दिल मजबूत होता है। ]
*   विटामिन इ से भरपूर डाइट जैसे सनफ्लॉवर  सीड्स ,सोयाबीन आयल , अंकुरित अनाज , मछली का तेल आदि लेने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
*   गिलोय और कालीमिर्च के पाउडर की तीन -चार ग्राम प्रतिदिन सेवन करने से बढ़ते कोलेस्ट्रॉल में फायदा पहुँचता है।
Image result for colestrol  ke upay*   एक गिलास पानी में एक चमच्च मेथी दाना पाउडर खाली पेट ले इससे एक महीने में आप का बढ़ता कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में आ जायेगा।
Image result for colestrol  ke upay*   घर में खाना सनफ्लॉवर आयल में बनाये।
*   हल्दी और शहद का गरम दूध  के साथ रोज रात को सेवन करे।
*  दालचीनी पाउडर एक चम्मच शहद के साथ लेने से कोलेस्ट्रॉल जल्द ही कण्ट्रोल में आता है।
*  अदरक का रस ,शहद , नीबू का रस और लहसून का पेस्ट बराबर मात्रा में मिला कर रोज सुबह खाली  पेट ले ये बहुत ही असरकारक उपाय है कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए।  
Image result for colestrol  ke upay*  सूखे मेवा जैसे बादाम , मूंगफली , पिस्ता , अखरोट बहुत उपयोगी है कोलेस्टॉल को कम करने के लिए खास तौर  पर अखरोट का सेवन बहुत असरकारक होता है इससे जल्दी कोलेस्ट्रॉल कम होता है। 

घातक होता है शरीर में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना

घातक होता है शरीर में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना 


अधिकतर लोग कोलेस्ट्रॉल को दिल का दुश्मन समझ लेते है पर ऐसा नहीं है दरसल कोलेस्ट्रॉल मोम  जैसा एक पदार्थ है जिसे फैट कहते है ,जो हमारे यकृत(लिवर) में बनता है। हमारे शरीर के हर भाग में कोलेस्ट्रॉल होता है। कोलेस्ट्रॉल का काम हमारे शरीर में हार्मोन्स , विटामिन डी और पित  का निर्माण करना होता है जो शरीर के अंदर वसा  को पचाने  का काम करता है।  ये रक्त में घुलनशील नहीं होता है।Image result for cholesterol
ये तीन तरह का होता है पहला लो डेसिटी लाइपोप्रोटीन या एलडीएल एलडीएल कोलोस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए अच्छा नहीं होता है। ये लिवर से कोशिकाओं तक कोलेस्ट्रॉल ले जाता है यदि इसकी मात्रा ज्यादा होगी तो ये शरीर की कोशिकाओं में इकठ्ठा होने शुरू हो जायेगा।धीरे धीरे धमनियाँ सकरी हो जायेगी  जिससे शरीर में  खून का प्रवाह  कम होने लगेगा। ये कोनोनरी  और स्ट्रोक का सबसे बड़ा कारण है।एलडीएल मानव रक्त  में 70 प्रतिशत होता है   Image result for cholesterol
दूसरा है डेंसिटी लाइपोप्रोटीन या एचडीएल।  एचडीएल का काम कोशिकाओं से लिवर तक कोलेस्ट्रॉल को ले जाना होता है या तो ये लिवर में टूट जाता है या लिवर से वेस्ट पदाथों में  से बाहर  निकल जाता है।
 तीसरा वीएलडीएल  ये कोलेस्ट्रॉल सबसे ज्यादा घातक होता है इसके कारण ही ह्रदय रोग बनता है।
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कैसे बढ़ाये अच्छे कोलेस्ट्रॉल ? ------ एचडीएल यानि गुड़ कोलेस्ट्रॉल हमारे रक्त के लिए एक चौकीदार का कार्य करता है। अच्छे कोलेस्ट्रॉल के लिए मछली का तेल ,सोयाबीन उत्पाद ,और हरे पत्तेदार सब्जियाँ ,रेड वाइन , डार्क चॉकलेट आदि का सेवन करने से शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल का निर्माण होता है।

शरीर में कोलेस्ट्रॉल का क्या स्तर होना चाहिए ? -----  खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 3.6 से लेकर 7. 8 मिलिमोल्स प्रति लीटर होनी चाहिए। लेकिन जब इसका लेवल 6 मिलिमोल्स प्रति लीटर  हो जाता है तो तब इसको हाई  कोलोस्ट्रोल कहते है। यदि इसका लेवल 7. 8 मिलिमोल्स प्रति लीटर से ऊपर चला जाए तो हार्ट
अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
क्यों बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल शरीर में ?------  कोलेस्ट्रॉल शरीर में कई कारणों से बढ़ता है जैसे
*  अधिक मात्रा में फैट खाना।
*  जंक  फ़ूड ज्यादा मात्रा में खाना।
Image result for cholesterol*  खानपान में लापरवाही करना।
*  व्यायाम न करना।
*  कई लोगों में उम्र के साथ कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।
*  अनुवांशिक कारणों से।
*  ज्यादा वजन होना।

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*  कोलेस्ट्रॉल को कम करने का सबसे बड़ा उपाय है कि 
*  खाने में ऐसे तेल और वसा का उपयोग करे जिसमे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम हो।
 *  कोलेस्ट्रॉल को कम करने का सबसे बड़ा उपाय है कि  अपने खानपान और अपने जीवनशैली का स्तर सुधरे। संतुलित भोजन करे नियमित  व्यायाम करे।
कैसे करे अच्छे कोलेस्ट्रॉल का निर्माण ---------एचडीएल यानि गुड़ कोलेस्ट्रॉल हमारे रक्त के लिए एक चौकीदार का कार्य करता है। अच्छे कोलेस्ट्रॉल के लिए मछली का तेल ,सोयाबीन उत्पाद ,और हरे पत्तेदार सब्जियाँ ,रेड वाइन , डार्क चॉकलेट आदि का सेवन करने से शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल का निर्माण होता है।


Wednesday, March 11, 2020

क्या आपने पुदीना के ये लाभ आपको पहले भी पता थे ?

क्या आपने पुदीना के ये लाभ आपको पहले भी पता थे ?
पुदीने का स्वाद और खुशबु से तो हर कोई परिचित है। हम सबने पुदीने का उपयोग चटनी , दही आदि में डाल  कर क्या है।  पर क्या आपने कभी पुदीने का अन्य तरीकों में इस्तेमाल किया है ? नहीं तो आज हम आप को अन्य तरीकों  से कैसे आप पुदीने को इस्तेमाल कर सकते है बताते है। Image result for pudene ke labh
यदि कीड़े ने काट लिया या किसी तरह का जख्म है तो पुदीने की लुगदी बनाकर हल्का गर्म करके लगा ले इससे दर्द कम होगा और सूजन भी कम होगी।
सर्दी खांसी की समस्या में पुदीने के रस ,कालीमिर्च और काला  नमक  का काढ़ा बना कर ले रहत मिलेगी।
तेज सरदर्द में पुदीने के लेप लगाने से सरदर्द सही होता है।
यदि बदहजमी हो गयी है तो एक चमच्च पुदीने के रस को गुनगुने पानी में डाल  कर पी  ले इसमें आप नीबू का रस शहद  भी डाल  कर ले तो और भी फायदा करेगा। Image result for pudene ke labh
यदि उलटी या नॉजिया की समस्या है और उल्टी  नहीं रुक रही है तो पुदीने के रस में तीन चार बूंद शहद मिला कर ले उल्टी रुक जाएगी।
पुदीने के रस के साथ अंजीर का सेवन करने से छाती और फेफड़ों में जमा कफ पिघल जाता है इसका कारण है कि पुदीना वात और कफ का नाश करता है और ये तासीर में गर्म होता है जिसके कारण बलगम को पिघला कर शरीर से निकल देता है। Image result for pudene ke labh
यदि हिचकियाँ बंद नहीं हो रही है तो पुदीने के रस में कुछ बुँदे शहद की मिलाकर लेने से हिचकियाँ बंद हो जाती है।
मुहँ की दुर्गन्ध और मसूड़ों की मजबूती के लिए पुदीने की पतियों के चूर्ण का मंजन करने से आराम मिलता है।
यदि गले में बलगम है तो पुदीने के रस और नमक डाल  गर्म पानी के गरारे करे आराम मिलेगा। Image result for pudene ke labh
गर्मियों के मौसम में प्यास ज्यादा लगती है तो पुदीने और नीबू का शरबत पीने  बार बार लगने वाली प्यास में राहत मिलती है।
पैरालिसिस की समस्या में पुदीने के तेल की मालिश बहुत लाभकारी होती है। यदि किसी को शरीर में कही भी दर्द रहता है तो भी पुदीने का तेल बहुत आराम देगा।
त्वचा पर यदि खुजली ,फोड़े ,फुंसी आदि की समस्या है तो पुदीने का तेल बहुत लाभ देगा।




गर्मियों में इन उपायों के साथ खुद को स्वस्थ रखना कोई मुश्किल काम नहीं।

  गर्मियों में इन उपायों के साथ खुद को स्वस्थ रखना कोई मुश्किल काम नहीं।  गर्मियों के मौसम में खुद को स्वस्थ रखना एक बहुत बड़ी चुनौती  ह...